उत्तराखंड में समय से पहले मानसून जैसे हालात, 94% अधिक बारिश दर्ज; जून मध्य में मानसून की दस्तक संभव

उत्तराखंड में पिछले एक सप्ताह से मानसून जैसे हालात बने हुए हैं। राज्यभर में मध्यम से लेकर भारी बारिश का सिलसिला लगातार जारी है। पहाड़ी इलाकों में जहां तेज बौछारें पड़ रही हैं, वहीं मैदानी क्षेत्रों में भी अचानक बारिश के चलते आपदा जैसे हालात देखने को मिल रहे हैं।
दस दिनों में सामान्य से दोगुनी बारिश
बीते दस दिनों में राज्य में सामान्य से दोगुनी बारिश दर्ज की गई है। खासतौर पर हरिद्वार और देहरादून में तो औसत से चार गुना ज्यादा बारिश हो चुकी है। हालांकि, नैनीताल जिला अभी भी सामान्य से कम वर्षा दर्ज कर रहा है।
15 से 20 जून के बीच मानसून की उत्तराखंड में दस्तक का अनुमान
मौसम विभाग के अनुसार, देश में 27 मई तक केरल के रास्ते मानसून के प्रवेश की संभावना है। इसके बाद उत्तराखंड में 15 से 20 जून के बीच मानसून पहुंच सकता है, जो कि सामान्य समय के लगभग आसपास ही है।
मानसून में सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान
इस बार मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि उत्तराखंड में मानसून सीजन में 10 से 20 प्रतिशत अधिक वर्षा हो सकती है। इससे किसानों को फायदा हो सकता है, लेकिन भूस्खलन और बाढ़ की आशंका भी बढ़ेगी।
मार्च से अब तक सामान्य से 16% अधिक वर्षा
एक मार्च से अब तक की बात करें तो ग्रीष्मकाल में 16% अधिक वर्षा दर्ज की गई है। वहीं केवल मई महीने की बात करें तो अब तक 94% ज्यादा बारिश हो चुकी है, जिससे प्राकृतिक आपदा की स्थितियां भी पैदा हो रही हैं।
प्री-मानसून शावर का दौर जारी
मौसम विज्ञान केंद्र ने बताया कि प्री-मानसून शावर का सिलसिला अगले कुछ दिनों तक जारी रहेगा। कई स्थानों पर **गरज-चमक के साथ तेज बारिश और हवा** चलने की भी संभावना है। देहरादून सहित अन्य जिलों में यह दौर पहले ही शुरू हो चुका है।
मानसून से पहले की बारिश को माना जाता है प्री-मानसून
मौसम वैज्ञानिक बिक्रम सिंह के अनुसार, एक मार्च से 31 मई तक का समय प्री-मानसून सीजन कहलाता है। इसके बाद एक जून से मानसून सीजन की शुरुआत मानी जाती है। उत्तराखंड में जून की शुरुआत में बारिश तेज हो सकती है, जो कि मानसून की दस्तक तक जारी रह सकती है।