
🗓️ आयोजन की तिथि और स्थान
तारीख: 21 से 23 मार्च, 2025
स्थान: गुरखा किला, पिथौरागढ़, उत्तराखंड
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित ऐतिहासिक गुरखा किला, 21 से 23 मार्च 2025 तक ‘नक्षत्र सभा’ के आयोजन का केंद्र बना। यह खगोलीय उत्सव वसंत विषुव (Spring Equinox) के समय आयोजित किया गया, जब दिन और रात की अवधि लगभग समान होती है, जो खगोलशास्त्र और प्राचीन संस्कृतियों में विशेष महत्व रखता है।
🌌 नक्षत्र सभा: खगोल पर्यटन और सांस्कृतिक समागम
‘नक्षत्र सभा’ एक वार्षिक खगोल पर्यटन श्रृंखला है, जिसे उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड और Starscapes के सहयोग से आयोजित किया जाता है। इसका उद्देश्य खगोलीय अध्ययन, सांस्कृतिक विरासत और प्रकृति के संरक्षण को एक साथ लाना है। गुरखा किला, अपनी ऊँचाई और 360-डिग्री दृश्य के कारण, इस आयोजन के लिए आदर्श स्थान रहा।
🔭 खगोलीय गतिविधियाँ और अनुभव
इस तीन दिवसीय उत्सव में प्रतिभागियों को निम्नलिखित खगोलीय अनुभव प्राप्त हुए:
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वसंत विषुव का अवलोकन: प्रतिभागियों ने दिन और रात की समानता के इस खगोलीय घटना का अनुभव किया, जो प्राचीन समय से समय निर्धारण और स्थापत्य में महत्वपूर्ण रहा है।
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वृश्चिक और कन्या नक्षत्रों का अध्ययन: प्रतिभागियों ने वृश्चिक (Scorpius) और कन्या (Virgo) नक्षत्रों का अवलोकन किया, जो इस समय आकाश में प्रमुखता से दिखाई देते हैं।
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चंद्रमा का अवलोकन: कृष्ण पक्ष की चंद्रमा की सतह पर स्थित गड्ढों, पर्वतों और घाटियों का विस्तृत अध्ययन किया गया।
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आकाशीय फोटोग्राफी कार्यशालाएँ: विशेषज्ञों द्वारा आकाशीय फोटोग्राफी की तकनीकों पर कार्यशालाएँ आयोजित की गईं, जिसमें प्रतिभागियों ने नक्षत्रों और आकाशगंगाओं की तस्वीरें लेना सीखा।
🏞️ प्राकृतिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ
खगोलीय अनुभवों के साथ-साथ, प्रतिभागियों ने विभिन्न प्राकृतिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लिया:
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प्राकृतिक ट्रेकिंग और वन्यजीव अवलोकन: गुरखा किले के आसपास के जंगलों में ट्रेकिंग और स्थानीय वन्यजीवों का अवलोकन किया गया।
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सांस्कृतिक कार्यक्रम: स्थानीय कलाकारों द्वारा पारंपरिक संगीत और नृत्य प्रस्तुतियाँ आयोजित की गईं, जिससे प्रतिभागियों को उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत से परिचित होने का अवसर मिला।
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स्थानीय व्यंजन: प्रतिभागियों ने उत्तराखंड के पारंपरिक व्यंजनोंका स्वाद लिया, जिससे उन्हें स्थानीय खानपान की विविधता का अनुभव हुआ।
🌿 पर्यावरण संरक्षण और शून्य-अपशिष्ट नीति
आयोजन के दौरान पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया गया:
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शून्य-अपशिष्ट नीति: प्रतिभागियों को पुन: उपयोग योग्य बर्तनों और पानी की बोतलों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
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कचरा प्रबंधन: कचरे के पृथक्करण, कंपोस्टिंग और पुनर्चक्रण की व्यवस्था की गई, ताकि आयोजन स्थल की स्वच्छता बनी रहे।
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स्थानीय समुदाय की भागीदारी: स्थानीय समुदायों को आयोजन में शामिल किया गया, जिससे उन्हें आर्थिक लाभ प्राप्त हुआ और पर्यावरणीय जागरूकता भी बढ़ी।
🧭 गुरखा किला तक कैसे पहुँचें
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हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर है, जो पिथौरागढ़ से लगभग 210 किमी दूर स्थित है।
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रेल मार्ग: निकटतम रेलवे स्टेशन टनकपुर है, जो पिथौरागढ़ से लगभग 150 किमी दूर है।
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सड़क मार्ग: दिल्ली से पिथौरागढ़ की दूरी लगभग 450 किमी है, जिसे सड़क मार्ग से तय किया जा सकता है।
🎟️ पैकेज और शुल्क
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डे पास: ₹999 – इसमें गतिविधियों और कार्यशालाओं में भागीदारी शामिल है (भोजन और आवास शामिल नहीं)।
एकल कैंपिंग पैकेज: ₹7,000 – इसमें टेंट, भोजन और सभी गतिविधियों में भागीदारी शामिल है।
युगल कैंपिंग पैकेज: ₹9,999 – दो लोगों के लिए टेंट, भोजन और गतिविधियाँ शामिल हैं।
🔚 निष्कर्ष
‘गुरखा किला नक्षत्र सभा 2025’ ने खगोलशास्त्र, सांस्कृतिक विरासत और प्रकृति के संरक्षण को एक साथ लाकर प्रतिभागियों को एक अद्वितीय अनुभव प्रदान किया। इस आयोजन ने न केवल खगोलीय ज्ञान को बढ़ावा दिया, बल्कि स्थानीय समुदायों के साथ सहभागिता और पर्यावरणीय जागरूकता को भी प्रोत्साहित किया।
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