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हरिद्वार में अवैध शराब फैक्ट्री का भंडाफोड़

230 केस 'रॉयल ब्लू' व्हिस्की जब्त, फैक्ट्री संचालक गिरफ्तार

📰 मुख्य खबर: उत्तराखंड में नकली शराब का गोरखधंधा उजागर

उत्तराखंड की धार्मिक नगरी हरिद्वार में एक अवैध शराब फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ है, जिसने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। पुलिस ने इस फैक्ट्री से 230 केस ‘रॉयल ब्लू’ व्हिस्की जब्त की है, जो अवैध रूप से तैयार की जा रही थी। इस मामले में फैक्ट्री संचालक को गिरफ्तार कर लिया गया है और अब गहरे नेटवर्क की जांच शुरू हो चुकी है।


🚔 कैसे हुआ खुलासा? – पुलिस की गुप्त सूचना से बड़ी सफलता

हरिद्वार पुलिस को एक गुप्त सूचना मिली थी कि शहर के बाहरी इलाके में एक गोदाम की आड़ में नकली शराब का उत्पादन किया जा रहा है। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एक टीम गठित की और छापेमारी की। मौके पर पहुंचकर पुलिस को भारी मात्रा में शराब बनाने के उपकरण, खाली बोतलें, रैपर, बॉटल कैप्स, और सबसे अहम – 230 केस तैयार की गई ‘रॉयल ब्लू’ ब्रांडेड शराब मिली।


🧑‍✈️ एसएसपी का बयान: यह सिर्फ शुरुआत है

हरिद्वार के एसएसपी अजय सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा:

“यह कार्रवाई सिर्फ एक फैक्ट्री तक सीमित नहीं है। यह पूरे नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है। हम जांच कर रहे हैं कि यह शराब कहाँ भेजी जा रही थी और इस सिंडिकेट में और कौन-कौन शामिल है।”


🏭 फैक्ट्री का पूरा ढांचा – ब्रांडेड शराब की हूबहू नकल

पुलिस की शुरुआती जांच में पाया गया कि:

  • फैक्ट्री में ब्रांडेड शराब की तरह बोतलें, लेबल और सील तैयार किए जा रहे थे।

  • ‘रॉयल ब्लू’ जैसे प्रतिष्ठित ब्रांड की नकली बोतलें इतनी प्रामाणिक लग रही थीं कि आम उपभोक्ता उन्हें पहचान नहीं सकता।

  • ये नकली शराब लोकल दुकानों, शादी समारोहों और होटलों में खपाई जा रही थी।


⚖️ कानूनी कार्रवाई और धाराएं

गिरफ्तार किए गए फैक्ट्री संचालक के खिलाफ IPC की कई धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है, जिनमें शामिल हैं:

  • धारा 420: धोखाधड़ी

  • धारा 468, 471: नकली दस्तावेज और मार्किंग

  • उत्तराखंड आबकारी अधिनियम की धारा 60 के तहत भी कठोर कार्रवाई की जा रही है।

आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और पुलिस रिमांड की मांग करने की योजना बना रही है ताकि सिंडिकेट की कड़ियाँ जोड़ी जा सकें।


🍾 नकली शराब का खतरा: स्वास्थ्य और जान का जोखिम

इस तरह की नकली शराब सिर्फ कानून का उल्लंघन नहीं, बल्कि आम जनता के स्वास्थ्य के लिए घातक है। ऐसी शराब में:

  • मेथनॉल जैसे खतरनाक रसायनों की मिलावट हो सकती है

  • इससे अंधापन, पेट खराबी, लीवर डैमेज और मृत्यु तक हो सकती है

  • यह गरीब और ग्रामीण वर्ग के लोगों को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है


📈 उत्तराखंड में अवैध शराब का नेटवर्क: बढ़ता हुआ खतरा

हाल के वर्षों में उत्तराखंड के विभिन्न जिलों – जैसे हरिद्वार, ऊधम सिंह नगर, हल्द्वानी और रुद्रपुर – में अवैध शराब कारोबार की घटनाओं में वृद्धि हुई है। यह एक संगठित नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है जो:

  • बिहार, उत्तर प्रदेश और हरियाणा से नकली शराब उत्तराखंड में लाकर खपाता है

  • स्थानीय नेताओं और माफियाओं की मिलीभगत से फलता-फूलता है

  • हरिद्वार जैसे पर्यटन स्थलों में अतिथि श्रद्धालुओं को भी टारगेट करता है


📣 प्रशासनिक प्रतिक्रिया और आगामी कदम

उत्तराखंड के आबकारी मंत्री सुभाष रावत ने इस पूरे मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा:

“किसी भी कीमत पर राज्य में नकली शराब के नेटवर्क को पनपने नहीं दिया जाएगा। हम सभी जिलों में विशेष जांच अभियान चलाएंगे और दोषियों को कठोर सज़ा दी जाएगी।”

सरकार ने आबकारी विभाग को निर्देशित किया है कि:

  • सभी जिलों में स्पॉट चेकिंग और औचक निरीक्षण हों

  • शराब दुकानों पर QR कोड आधारित वेरिफिकेशन शुरू किया जाए

  • जन जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को नकली शराब से बचने के उपाय बताए जाएं


📘 निष्कर्ष: प्रशासन की सतर्कता और जन-जागरूकता की आवश्यकता

हरिद्वार में हुई इस कार्रवाई ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अवैध शराब नेटवर्क उत्तराखंड में गहराई तक फैला हुआ है। आवश्यकता है कि आम जनता भी सतर्क रहे, किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें और सरकार तकनीक आधारित निगरानी तंत्र को सशक्त बनाए।

इस तरह की कार्रवाई एक संदेश देती है कि उत्तराखंड में कानून व्यवस्था और जन सुरक्षा सर्वोपरि है, और अपराधियों के लिए यहाँ कोई स्थान नहीं।


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