उज्जैन में हनुमान जनमोत्स्व के भंडारे में 10हजार लोग पहुंचे, गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज

उज्जैन
बाबा महाकाल की नगरी कहे जाने वाले उज्जैन में हनुमान जयंती पर एक अनूठा नजारा देखने को मिला। यहां के आंबापुरा में एक बड़ा आयोजन हुआ। जयवीर हनुमान मंदिर में विशाल भंडारा आयोजित किया गया। इसमें 10 हजार से ज्यादा भक्तों ने प्रसाद लिया। इस आयोजन को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया। 13 अप्रैल को हुए इस कार्यक्रम में भगवान की पूजा और आरती की गई।
समाजसेवी से लेकर जन सामान्य तक सभी लोगों ने इसमें आगे आकर भागीदारी की। एक व्यक्ति ने बताया कि यह आयोजन पिछले 20 सालों से हो रहा है। इस साल भक्तों की संख्या बहुत ज्यादा थी, इसलिए गोल्डन वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम को बुलाया गया।
सुबह से लगा रहा भक्तों का जमघट
हनुमान जन्मोत्सव पर जयवीर हनुमान मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा। सुबह से ही मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद महाआरती का आयोजन हुआ। फिर भगवान को भोग लगाया गया और भंडारा शुरू हुआ। भंडारे में भक्तों को बड़े ही प्रेम से खाना परोसा गया। उन्हें टेबल-कुर्सी पर बैठाकर दाल, बाफले, लड्डू और कढ़ी की प्रसादी दी गई। गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम भी वहां मौजूद थी। टीम के एशिया हेड डॉ मनीष विश्रोई और जज वेदांत जोशी ने आयोजन करने वाली समिति को सर्टिफिकेट दिया।
13 अप्रैल को हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर पहले भगवान का विशेष पूजन-अर्चन और महाआरती की गई। आयोजक समाजसेवी सुनील चावंड के अनुसार पिछले 20 वर्षों से यह आयोजन किया जा रहा है। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए इस वर्ष गोल्डन वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम को बुलाया गया।
20 सालों से लगातार चल रहा भंडारा।
भगवान को भोग अर्पित करने और आरती के बाद भंडारा शुरू हुआ। श्रद्धालुओं को टेबल-कुर्सी पर बिठाकर दाल, बाफले, लड्डू और कड़ी की प्रसादी परोसी गई। वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम के एशिया हेड डॉ. मनीष विश्रोई और जज वेदांत जोशी ने आयोजन समिति को प्रमाण पत्र सौंपा।
डॉ. विश्रोई ने बताया कि समिति को 10 हजार लोगों को भोजन कराने का लक्ष्य दिया गया था। लेकिन इससे कहीं अधिक श्रद्धालुओं को व्यवस्थित तरीके से भोजन कराया गया। इस दौरान समाजसेवी नारायण यादव सहित अन्य समिति सदस्य भी मौजूद रहे।
करीब 10 हजार श्रध्दालु भंडारे में शामिल हुए।
70 लोगों की टीम ने बनाया भोजन
इस भंडारे के लिए रविवार को सुबह से ही करीब 70 लोगों की टीम भोजन बनाने में जुट गई थी। भंडारे के लिए 45 क्विंटल बाफले का आटा, 7 क्विंटल तुवर दाल, 5 क्विंटल दही, 30 किलो बेसन, 200 लीटर छाछ, लड्डू के लिए सामग्री 6 क्विंटल सूजी, 200 लीटर दूध, 25 डिब्बा देसी घी के, 60 किलो ड्राई फ्रूट्स शामिल थे।
लक्ष्य से कहीं ज्यादा लोग आए
समिति को 10 हजार लोगों को भोजन कराने का लक्ष्य दिया गया था। पर समिति ने जितने लोगों को खाना खिलाने का सोचा था, उससे कहीं ज्यादा लोगों को खिलाया और वो भी अच्छे से। इस भंडारे को सफल बनाने के लिए 70 लोगों की टीम ने बहुत मेहनत की। वे रविवार सुबह से ही भोजन बनाने में जुट गए थे। भंडारे में इस्तेमाल होने वाली सामग्री भी बहुत ज्यादा थी।
भक्तों ने भी किया योगदान
भारी संख्या में भक्तों ने मिलकर भंडारे को सफल बनाने में अपना योगदान दिया। यह आयोजन हर साल होता है और हर साल इसमें भक्तों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस साल गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज होने से आयोजन और भी खास हो गया।