वेदांता ने बीजेपी को दिया चार गुना ज्यादा चंदा, कांग्रेस के चंदे में भारी कटौती

नई दिल्ली
अरबपति उद्योगपति अनिल अग्रवाल की खनन कंपनी वेदांता लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2024-25 में केंद्र और कई राज्यों में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) को 97 करोड़ रुपये का चंदा दिया। यह रकम फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के मुकाबले चार गुना ज्यादा है। कंपनी की ताजा वार्षिक रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। कंपनी ने वित्त वर्ष (2024-25) में कुल 157 करोड़ रुपये का राजनीतिक चंदा दिया जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 97 करोड़ रुपये था। रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी को दिया गया चंदा चार गुना हो गया लेकिन मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को चंदा घटकर सिर्फ 10 करोड़ रुपये रह गया।
कंपनी की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक वेदांता ने फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में बीजेपी को 26 करोड़ रुपये का चंदा दिया था। बीते वित्त वर्ष में कंपनी ने बीजू जनता दल को 25 करोड़ रुपये (इससे पिछले वित्त वर्ष में 15 करोड़ रुपये), झारखंड मुक्ति मोर्चा को 20 करोड़ रुपये (इससे पिछले वित्त वर्ष में पांच करोड़ रुपये) और कांग्रेस को 10 करोड़ रुपये (पिछले वित्त वर्ष में भी 49 करोड़ रुपये) का चंदा दिया। वेदांता राजनीतिक दलों को चंदा देने के मामले में सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है।
457 करोड़ का चंदा
वित्त वर्ष 2022-23 में इसने राजनीतिक दलों को कुल 155 करोड़ रुपये और 2021-22 में 123 करोड़ रुपये का चंदा दिया था। हालांकि, इन वित्त वर्षों के लिए चंदा पाने वाले राजनीतिक दलों का ब्योरा नहीं दिया गया है। कंपनी ने चुनावी बॉन्ड (अब रद्द हो चुके) के माध्यम से 2017 से राजनीतिक दलों को 457 करोड़ रुपये का चंदा दिया है।
चुनावी बॉन्ड कंपनियों और व्यक्तियों को राजनीतिक दलों को अपनी पहचान बताए बिना चंदा देने की अनुमति देते थे। उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक बताते हुए इनपर प्रतिबंध लगाया दिया था। वेदांता का जनहित इलेक्टोरल ट्रस्ट, राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए कंपनियों द्वारा स्थापित एक दर्जन से अधिक चुनावी न्यास में से एक है। इसी तरह के न्यास टाटा का प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट भी है।
अलग-अलग कंपनियों के ट्रस्ट
कंपनियों द्वारा स्थापित इसी तरह के अन्य न्यास में रिलायंस का पीपल्स इलेक्टोरल ट्रस्ट, भारती समूह का सत्या इलेक्टोरल ट्रस्ट, एमपी बिड़ला समूह का परिवर्तन इलेक्टोरल ट्रस्ट और के के बिड़ला समूह का समाज इलेक्टोरल ट्रस्ट एसोसिएशन शामिल हैं। बजाज और महिंद्रा के भी इसी तरह के इलेक्टोरल ट्रस्ट हैं।