छत्तीसगढ़

धर्मांतरण पर सख्ती: अगले विधानसभा सत्र में लाया जाएगा नया कानून, सीएम साय की घोषणा

रायपुर

प्रदेश में रोज किसी न किसी जगह से धर्मांतरण की आ रही खबरों के बीच साय सरकार धर्मांतरण पर नया कानून लाने जा रही है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शदाणी दरबार में आयोजित हिंदू राष्ट्रीय अधिवेशन में नए कानून का ड्राफ्ट तैयार होने की जानकारी देते हुए बताया कि इसे विधानसभा के अगले सत्र में पटल पर रखा जाएगा.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अधिवेशन में कहा कि राज्य में कोई भी गाय सड़कों पर नहीं दिखनी चाहिए और इसके लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि राज्य में सवा 100 पंजीकृत गौशालाएं हैं, जिन्हें 5 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपये की सहायता दी जा रही है. नगरीय क्षेत्रों में भी गौशालाएं बनाई गई हैं, और निर्देश दिए गए हैं कि सड़कों पर मवेशी नजर न आएं.

सीएम साय ने कहा, “जब गाय दूध देना बंद कर देती है, तो उसे सड़कों पर छोड़ दिया जाता है. यह स्थिति ठीक नहीं है. हिंदू भाइयों को इस पर ध्यान देना होगा.” उन्होंने आश्वासन दिया कि आने वाले समय में सड़कों पर कोई मवेशी नहीं दिखेगा.

विष्णु देव साय ने जशपुर का जिक्र करते हुए कहा कि वहां एशिया का दूसरा सबसे बड़ा चर्च है, लेकिन स्व. दिलीप सिंह जूदेव और उनके पुत्र प्रबल प्रताप जूदेव ने “घर वापसी” अभियान को मजबूती दी है. कल्याण आश्रम के कार्यकर्ता गांव-गांव में हिंदू धर्म के प्रचार में जुटे हैं.

महादेव घाट से 3 अगस्त को निकलेगी पदयात्रा
हिंदू राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित करते हुए महाराज राम बालक दास ने कहा कि छत्तीसगढ़ से हिंदू राष्ट्र का उद्घोष हो रहा है और इसे 2025 तक पूरा करना है. उन्होंने लव जिहाद और गौ तस्करी पर कठोर कानून की मांग की. इस दौरान उन्होंने 3 अगस्त को महादेव घाट से राम मंदिर तक विशाल पदयात्रा की घोषणा की, जिसमें बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भी शामिल हो सकते हैं.

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