छत्तीसगढ़

अब कर्रेगुट्टा में भी बजेगी मोबाइल की घंटी: सीमावर्ती गांवों को मिला संचार का तोहफा

बीजापुर 

माओवाद प्रभावित कोर रीजन छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर स्थित बीजापुर जिले के थाना उसूर क्षेत्र के ग्राम भीमाराम में पहली बार मोबाइल नेटवर्क की सुविधा शुरू हो गई है। निजी मोबाइल टावर के शुरू होने से इलाके के हजारों ग्रामीणों को संचार की सुविधा मिल गई हैं। 

इस टावर की स्थापना छत्तीसगढ़ शासन की "नियद नेल्ला नार" योजना और केंद्र सरकार की "यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (USOF)" योजना के तहत की गई है। इसका लाभ भीमाराम, रामपुर, उतलापल्ली, मलेमपेंटा जैसे सुदूर और दुर्गम गांवों को मिलेगा, जहां अब तक मोबाइल नेटवर्क की भारी कमी थी।

शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच आसान

मोबाइल नेटवर्क के शुरू होने से क्षेत्र के छात्रों और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं को बड़ा फायदा होगा। साथ ही, डिजिटल सेवाएं, टेलीमेडिसिन, ऑनलाइन शिक्षा, बैंकिंग और सरकारी योजनाओं की जानकारी अब एक क्लिक दूर होगी।

प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था को भी मिलेगा मजबूती

संचार सुविधा बहाल होने से सुरक्षा बलों और प्रशासन को भी संपर्क बनाए रखने में आसानी होगी। यह क्षेत्र अब राज्य और केंद्र सरकार की डिजिटल इंडिया मुहिम से जुड़कर सुरक्षा, विकास और समावेशी प्रगति की ओर आगे बढ़ सकेगा।

ग्रामीणों ने जताई खुशी

भीमाराम और आसपास के गांवों के ग्रामीणों ने मोबाइल टावर के शुरू होने पर खुशी जाहिर की है। ग्रामीणों का कहना है कि अब वे अपने रिश्तेदारों, बच्चों और सरकारी विभागों से सीधे जुड़ पाएंगे। यह सुविधा उनके लिए सिर्फ मोबाइल नेटवर्क नहीं, बल्कि भविष्य के लिए नया रास्ता है।

 

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