राजस्थानराज्य

झालावाड़ हादसे के बाद प्रशासन सख्त: बालोतरा में 95 जर्जर भवन गिराने के आदेश

जैसलमेर/बालोतरा

झालावाड़ जिले में हाल ही में एक सरकारी स्कूल की छत गिरने से हुए दर्दनाक हादसे ने राज्य सरकार और प्रशासन को सतर्क कर दिया है। इस हादसे के मद्देनजर बालोतरा जिले में एक बड़ा और सख्त निर्णय लेते हुए प्रशासन ने 95 जर्जर सरकारी भवनों को गिराने के आदेश जारी कर दिए हैं।
 
आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के तहत इन सभी भवनों को आगामी 15 दिनों की अवधि में विधिवत रूप से ध्वस्त किया जाएगा। यह निर्णय जिला कलेक्टर सुशील कुमार यादव द्वारा विभागीय रिपोर्टों और तकनीकी परीक्षणों के आधार पर लिया गया है।

तीन विभागों की रिपोर्ट में खुलासा- खतरनाक हालत में हैं भवन
जिला कलेक्टर ने आदेश जारी करते हुए बताया कि यह कार्रवाई महिला एवं बाल विकास विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा शिक्षा विभाग से प्राप्त निरीक्षण रिपोर्टों और निर्माण विभाग के सहायक अभियंता की तकनीकी पुष्टि के आधार पर की जा रही है। रिपोर्ट्स में स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है कि ये भवन संरचनात्मक रूप से बेहद कमजोर और कभी भी ढहने की स्थिति में हैं, जिससे आमजन की जान-माल को गंभीर खतरा हो सकता है।
 
इन भवनों को किया गया चिह्नित
प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार, गिराए जाने वाले 95 भवनों में 40 भवन चिकित्सा संस्थानों से संबंधित हैं, 37 भवन शिक्षा विभाग के विद्यालय परिसरों में स्थित हैं और 18 भवन महिला एवं बाल विकास विभाग के केंद्रों से जुड़े हुए हैं। इन सभी भवनों की स्थिति इतनी जर्जर बताई गई है कि वे किसी भी क्षण ध्वस्त हो सकते हैं। ऐसे में प्रशासन ने एहतियातन कदम उठाते हुए इनके विध्वंस की प्रक्रिया तेज कर दी है।
 
सुरक्षा मानकों के साथ होगी कार्रवाई, रिपोर्ट देना अनिवार्य
जिला प्रशासन ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी संबंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि तय 15 दिनों के भीतर यह कार्य पूरी तरह से संपन्न किया जाए। इस दौरान सभी सुरक्षा मानकों और प्रक्रियात्मक सावधानियों का सख्ती से पालन किया जाएगा, जिससे किसी भी प्रकार की दुर्घटना या जनहानि से बचा जा सके। तोड़फोड़ की प्रक्रिया के पूरा होने के बाद विभागों को इसकी रिपोर्ट अनुमोदन अधिकारी को सौंपनी होगी, जिससे दस्तावेजी सत्यापन भी सुनिश्चित किया जा सके।

भ्रम या देरी की कोई गुंजाइश नहीं
इस आदेश की प्रतिलिपि जिले के समस्त उपखंड अधिकारियों, विकास अधिकारियों और संबंधित विभागीय अधिकारियों को अग्रेषित कर दी गई है, जिससे हर स्तर पर स्पष्टता बनी रहे और कोई भी भ्रम या कार्य में विलंब न हो। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि जर्जर भवनों के स्थान पर भविष्य में आवश्यकता अनुसार नए भवनों के निर्माण की योजना भी बनाई जाएगी, ताकि आमजन को बेहतर, सुरक्षित और टिकाऊ सुविधाएं मिल सकें।

 

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