अमेरिका की सॉलिसिटर जनरल बनीं मथुरा श्रीधरन, बिंदी लगाने पर ट्रोलिंग का शिकार

वाशिंगटन
अमेरिका में बढ़ता गन कल्चर पहले ही चिंता का विषय बना हुआ है और अब वहां नफरती सोच भी पनप रही है. भारतीय मूल की महिला मथुरा श्रीधरन को अमेरिका में सिर्फ इस वजह से ट्रोल किया जा रहा है कि बिंदी लगाती हैं और उन्हें ओहियो स्टेट का सॉलिसिटर जनरल चुना गया है. ओहियो के अटॉर्नी जनरल डेव योस्ट ने बीती 31 जुलाई को श्रीधरन की नियुक्ति की थी.
ओहियो की सॉलिसिटर जनरल चुनी गईं
इसके बाद से मथुरा श्रीधरन के खिलाफ नस्लवादी और अपमानजनक टिप्पणियों की बाढ़ सी आ गई है. ट्रोल सवाल कर रहे हैं कि यह पद किसी अमेरिकी को क्यों नहीं मिला. ओहियो के अटॉर्नी योस्ट ने कहा कि मथुरा श्रीधरन 12वीं सॉलिसिटर जनरल के लिए उनकी पसंद हैं. एक्स पर उनकी नियुक्ति का ऐलान करते हुए अटॉर्नी जनरल ने कहा कि वह बहुत प्रतिभाशाली हैं और बेतहर ढंग से राज्य की सेवा करेंगी.
डेव योस्ट ने लिखा, 'मथुरा बहुत प्रतिभाशाली हैं. उन्होंने पिछले साल SCOTUS में अपनी बहस जीती थी. जिन दोनों SGs (फ्लावर्स और गेसर) के अधीन उन्होंने काम किया था, उन्होंने उनकी सिफ़ारिश की थी. जब मैंने उन्हें पहली बार नियुक्त किया था, तब मैंने उनसे कहा था कि मुझे उनसे बहस करने की ज़रूरत है. उन्हें प्रमोट करने को लेकर उत्साहित हूं. वह ओहायो की अच्छी सेवा करेंगी.'
बिंदी लगाने को लेकर ट्रोलिंग
रिपोर्ट के मुताबिक सॉलिसिटर जनरल के पद पर पहुंचने के बावजूद भी श्रीधरन को भारतीय होने और बिंदी लगाने के कारण नस्लवादी ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा. एक रिप्लाई में ट्रोल ने लिखा, 'आप किसी ऐसे व्यक्ति को क्यों चुनेंगे जो अमेरिकी नहीं है, इतने अहम रोल के लिए?' कुछ लोग उनके बिंदी के लाल रंग पर भी सवाल उठा रहे हैं तो कुछ ट्रोल उनकी योग्यता को लेकर भी बयानबाजी कर रहे हैं.
इस ट्रोलिंग के बाद ओहायो के अटॉर्नी जनरल डेव योस्ट ने ट्रोल्स को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने साफ किया है कि कुछ लोगों को गलतफहमी है कि मथुरा अमेरिकी नहीं हैं, लेकिन वह पूरी तरह से अमेरिकी नागरिक हैं. उनकी शादी भी एक अमेरिकी नागरिक से हुई है. योस्ट ने आगे लिखा, 'अगर उनका नाम या रंग से आपको दिक्कत है, तो समस्या उनसे या उनकी नियुक्ति से नहीं बल्कि आपके सोच में है.
कौन हैं मथुरा श्रीधरन?
मथुरा श्रीधरन एक भारतीय मूल के अमेरिकी वकील हैं जो वर्तमान में ओहियो के अटॉर्नी जनरल कार्यालय में डिप्टी सॉलिसिटर जनरल के रूप में कार्यरत हैं. उन्हें राज्य के अटॉर्नी जनरल डेव योस्ट ने 12वें सॉलिसिटर जनरल के रूप में प्रमोट किया है. इससे पहले, श्रीधरन दो साल से राज्य के अटॉर्नी जनरल कार्यालय में ओहियो के दसवें कमांडमेंट सेंटर की डायरेक्टर के रूप में भी काम कर चुकी हैं.
फेडरल सोसायटी की वेबसाइट के मुताबिक ओहियो सॉलिसिटर कार्यालय में शामिल होने से पहले, श्रीधरन ने सेकंड सर्किट के लिए अमेरिकी अपील न्यायालय के जज स्टीवन जे मेनाशी और न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले के लिए अमेरिकी जिला न्यायालय के जज डेबोरा ए बैट्स के लिए क्लर्क के तौर पर काम किया था.
श्रीधरन ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कंप्यूटर विज्ञान में साइंस ग्रेजुएट किया है और प्रतिष्ठित मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) से स्नातक की उपाधि हासिल की और 2008 में इकोनॉमिक्स का भी पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने एमआईटी से इन्हीं विषयों में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री भी हासिल की. साल 2015 में, श्रीधरन ने न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ में कानून की पढ़ाई की और 2018 में ग्रेजुएशन की है.