राज्यहरियाणा

हरियाणा में 1128 प्राइवेट स्कूलों पर गिरी गाज, RTE डेटा नहीं देने पर MIS पोर्टल किया गया बंद

चंडीगढ़

हरियाणा शिक्षा विभाग ने कड़ा कदम उठाते हुए राज्य के 1128 निजी स्कूलों का दाखिले से जुड़ा एमआईएस पोर्टल बंद कर दिया है। विभाग का कहना है कि इन स्कूलों ने बार-बार मौका दिए जाने के बावजूद आरटीई (शिक्षा का अधिकार अधिनियम) के तहत गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए है। 

जांच के बाद संबंधित जिलों के मौलिक शिक्षा अधिकारियों ने इन स्कूलों को विभिन्न कारणों से रिजेक्ट किया है। इसके साथ ही शिक्षा विभाग ने सभी 1128 स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है। विभाग की इस सख्ती के बाद निजी स्कूलों में हड़कंप मच गया है।

संघ बोला- आरटीई के तहत दे चुके जानकारी

विभाग के इस निर्णय के बाद से निजी स्कूल संचालकों में भारी असंतोष और चिंता का माहौल है। ऑल हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ ने मुख्यमंत्री नायब सैनी को पत्र लिखकर पोर्टल खोलने की मांग की है। संघ का कहना है कि तकरीबन स्कूलों ने आरटीई के तहत खाली सीटों की जानकारी सरकार को मुहैया करवा रखी है। बावजूद इसके इन्हें वेरिफिकेशन के दौरान विभिन्न कारणों के चलते बाहर कर दिया गया।

CM से सेवा सुरक्षा की गारंटी मांगी

ऑल हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ के राज्य प्रधान रविंद्र नांदल का कहना है कि ये स्कूल एग्जिस्टिंग स्कूल हैं। जिन्हें सरकार द्वारा साल दर साल मान्यता प्रदान की जाती है। नांदल ने मुख्यमंत्री नायब सैनी को लिखे पत्र में कहा है कि जिस तरह सरकार ने हरियाणा के 1.20 लाख कच्चे कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति तक सेवा सुरक्षा की गारंटी दी है, उसी तरह से इन स्कूलों को भी सुरक्षा गारंटी दी जाए ताकि इन स्कूलों का रोज-रोज बंद होने का डर खत्म हो सके।

तीन महीने पहले सीएम से मिल चुके स्कूल संचालक

बाकायदा इस संबंध में बीती 28 अप्रैल को एक प्रतिनिधिमंडल सीएम नायब सैनी से मिला था। तब वर्षों पुरानी इस मांग को लेकर पत्र भी दिया गया था। सीएम ने उस समय उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया था। लेकिन आज तीन महीने बाद भी निदेशालय द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। उल्टा एमआईएस पोर्टल जरूर बंद कर दिया गया। जबकि इन स्कूलों ने आरटीई के तहत 25 फीसदी खाली सीटों की जानकारी भी दी थी।

नोटिस का जवाब देने के बावजूद नहीं खुला पोर्टल

नांदल कर कहना है कि इन स्कूलों ने विभाग के कारण बताओ नोटिस का जवाब भी दे दिया है। बावजूद इसके अभी तक पोर्टल नहीं खोला गया है। जिससे इन स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के दाखिले सहित अन्य रिकॉर्ड अपडेट नहीं हो पा रहा है। विद्यार्थियों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश प्रवक्ता अजय सैनी का कहना है कि इन स्कूलों में से कइयों को सीईटी परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्र भी बनाया गया था।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button