मध्यप्रदेश में फ्री सरकारी राशन का बड़ा खुलासा: टीचर और कारोबारी भी ले रहे लाभ, एक ही जिले में 21 हजार केस

भोपाल
मध्य प्रदेश में एक अजब-गजब मामला सामने आया है. प्रशासन की जांच में सैकड़ों ऐसे लोग सामने आए हैं जो बीपीएल कार्ड के लिए पात्र नहीं हैं, फिर भी वर्षों से गरीबी रेखा से नीचे (BPL) कार्ड बनवाकर इसका लाभ ले रहे थे. सरकार की जांच में पता चला कि ये लोग गरीबों का राशन लेते हुए आलीशान मकानों में रहते हैं, नौकरीपेशा हैं या बिजनेसमैन हैं. गुना और छतरपुर में ऐसे लोगों की पहचान कर स्थानीय प्रशासन अब इन्हें अपात्र घोषित कर रहा है.
सबसे पहले गुना की बात करें, जो केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का संसदीय क्षेत्र है. गुना जिले में 1404 ऐसे लोगों की सूची तैयार की गई है जो लखपति होने के बावजूद मुफ्त राशन का लाभ उठा रहे हैं. जांच में खुलासा हुआ कि इनमें से अधिकांश हितग्राहियों के परिजन आर्थिक रूप से समृद्ध हैं, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में वे गरीब बने हुए हैं. इनमें से कुछ लोग कंपनियों में डायरेक्टर जैसे बड़े पदों पर हैं, परिवार की सालाना आय 6 लाख से अधिक है, तीन मंजिला मकान हैं, और उनके नाम पर फर्म रजिस्टर्ड है, फिर भी कागजों में वे गरीब हैं.
केस स्टडी-1
गुना के वार्ड नंबर 18 की दुकान से सरकारी राशन लेने वाली अनीता जैन ने बताया कि उनके परिवार में 3 सदस्य हैं. पहले वे राशन लेते थे, लेकिन पिछले दो वर्षों से इसे बंद कर दिया है. उनके पति विजय जैन अनाज का व्यापार करते हैं और कृषि मंडी में उनकी दुकान है.
जैन परिवार अनाज व्यापारी है, जिसका सालाना टर्नओवर 25 लाख रुपये से अधिक है. विजय जैन ने बताया कि पहले उनकी आर्थिक स्थिति खराब थी. परिवार में 4 सदस्य हैं और वे मंडी में अनाज का व्यापार करते हैं. उनकी पत्नी अनीता जैन के नाम से राशन लिया जाता था, लेकिन अब नहीं लेते.
नीलम जैन, गुना
चाचौड़ा निवासी मुकेश जैन का भी कारोबार है, जिनकी सालाना आय 25 लाख से अधिक है और वे GST भी भरते हैं. परिवार में चार सदस्य हैं, फिर भी वे बीपीएल राशन कार्ड से सरकारी दुकान से गेहूं, चावल और नमक लेते हैं.
राघौगढ़ के अहीरखेड़ी निवासी भगवानलाल भी जीएसटी भरते हैं और परिवार में 6 सदस्य हैं. वे सरकारी राशन दुकान से चावल और गेहूं लेते हैं. 11 जून को गीता बाई ने तीन महीने के राशन में प्रति माह 2 किलो गेहूं और 3-3 किलो चावल लिया. परिवार के अन्य सदस्य दीवान सिंह ने 26 जून को तीन महीने का 8-8 किलो गेहूं और 12-12 किलो चावल लिया.
बमोरी के धर्मेंद्र लोधी के परिवार में पांच सदस्य हैं. व्यापार के कारण उनकी आमदनी 6 लाख से अधिक है, लेकिन हितग्राही जानकी बाई ने बायोमेट्रिक सिस्टम से 8-8 किलो गेहूं और 12-12 किलो चावल लिया. उनका सालाना टर्नओवर 25 लाख रुपये है.
गुना के जिला आपूर्ति अधिकारी अवधेश पांडे ने बताया कि शासन से 1404 संदिग्ध हितग्राहियों की सूची प्राप्त हुई थी. लाखों रुपये के टर्नओवर के बावजूद मुफ्त राशन लेने वालों को नोटिस जारी किए गए हैं और उनसे जवाब मांगा गया है. जवाब मिलने के बाद ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और उनके नाम बीपीएल सूची से हटाए जाएंगे. लेकिन गुना अकेला शहर नहीं है जहां अमीर लोग बीपीएल कार्ड के लिए खुद को गरीब बता रहे हैं.
बुंदेलखंड के छतरपुर में भी प्रशासन ने ऐसे लोगों को चिह्नित किया है जो आर्थिक रूप से सक्षम हैं, लेकिन सरकारी कागजों में गरीब हैं. छतरपुर जिले में खाद्य विभाग ने 21 हजार अपात्र लोगों को नोटिस भेजा है, जिनमें कई सरकारी कर्मचारी और शिक्षक शामिल हैं.
केस स्टडी-2
छतरपुर के प्राथमिक शाला कछयान पुरवा के शिक्षक रामप्रताप चतुर्वेदी से पूछा कि वे सरकारी राशन ले रहे थे और खाद्य विभाग ने उन्हें नोटिस भेजा है, तो कैमरा और सवाल सुनते ही शिक्षक कुर्सी छोड़कर भाग गए और बोले, ''हमें कुछ नहीं बताना.''
रामप्रताप चतुर्वेदी, शासकीय शिक्षक, छतरपुर
जांच में पता चला कि कई सरकारी शिक्षकों ने झूठ बोला कि उन्होंने राशन लेने से इनकार का आवेदन पहले ही जमा कर दिया था, लेकिन उनका नाम नहीं हटा. हालांकि, खाद्य विभाग के अधिकारियों ने दस्तावेज दिखाए, जिनमें शिक्षक लखनलाल सेन और रामप्रताप चतुर्वेदी ने हाल तक सरकारी राशन लिया और उनके अंगूठे के निशान बायोमेट्रिक मशीन में दर्ज हैं.
खाद्य अधिकारी सीताराम कोठारे ने कहा कि राशन पर्ची निरस्त होगी और लगातार राशन ले रहे सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
नेता प्रतिपक्ष सिंघार ने सरकार को घेरा
कांग्रेस ने इस मामले में सवाल उठाए. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि सरकार के पास शायद ऐसा मॉनिटरिंग सिस्टम नहीं है जो रसूखदारों को बीपीएल डेटा से छांट सके. उन्होंने कहा कि अमीरों द्वारा बीपीएल कार्ड बनवाना दुर्भाग्यपूर्ण है और सरकार को तुरंत इसकी जांच करनी चाहिए.
गरीब का अन्न चुराना सबसे बड़ा गुनाह: सिंधिया
वहीं, सरकार ने भी अपना पक्ष रखा. केंद्रीय मंत्री और गुना सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हैरानी जताते हुए कहा कि गरीब का अन्न चुराना सबसे बड़ा गुनाह है और ऐसे लोगों पर कार्रवाई होगी.
कार्ड निरस्त किए जाएंगे: मंत्री विश्वास सारंग
मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि कोई भी अपात्र बीपीएल कार्ड धारक हो, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी और कार्ड निरस्त किए जाएंगे.
बहराहल, सरकार की जांच से हकीकत सामने आई है, लेकिन अब देखना यह है कि क्या कड़ी कार्रवाई होगी या 'लखपति गरीबों' की यह फौज गरीबों का हक मारकर बच निकलेगी.