
चंडीगढ़
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि प्रदेश के खेल स्टेडियम और खेल नर्सरियों में आने वाले खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं मिले। इसके लिए विभाग विशेष योजना बनाएं। इसके अलावा प्रदेश में विशेष खेलों पर फोकस करते हुए एक्सीलेंस सैंटर भी बनाए जाएं। साथ ही प्रदेश के खिलाड़ियों को यूनिक आई. डी. अलॉट की जाएं। मुख्यमंत्री ने यह निर्देश सचिवालय में सोमवार देर सायं खेल विभाग की समीक्षा बैठक दौरान दिए। बैठक में प्रदेश के खेल, युवा अधिकारिता एवं उद्यमिता, कानून विधायी राज्य मंत्री गौरव गौतम भी मौजूद थे। इस दौरान प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए कैश अवॉर्ड और स्कॉलरशिप प्रबंधन प्रणाली के लिए पोर्टल भी लांच किया गया जिसके जरिए खेल विभाग से मिलने वाली स्कॉलरशिप तथा कैश अवॉर्ड्स के लिए आवेदन किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि कोच और जिला खेल अधिकारियों के बीच समन्वय हो। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि महिला खिलाड़ियों के लिए भी खास सुविधाएं स्टेडियम में होनी चाहिएं।
खेल नर्सरियां बढ़ाकर 2000 करने का लक्ष्य
बैठक में राज्य में खेल अवसंरचनाओं का जिक्र करते हुए अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में 3 राज्य स्तरीय, 21 जिला स्तरीय, 25 उपमंडल स्तरीय, 163 राजीव गांधी खेल परिसर, 245 मिनी ग्रामीण स्टेडियम हैं। इसके साथ ही करीबन 1500 नर्सरियां हैं जिनकी संख्या 2025-2026 वित्त वर्ष में बढ़ाकर 2000 करने का टारगेट है। बैठक में पंचकूला के क्रिकेट स्टेडियम व फरीदाबाद स्थित राजा नाहर सिंह स्टेडियम में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। पलवल में भी 100 एकड़ भूमि पर एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेल परिसर के निर्माण को लेकर भी चर्चा की गई।
जीओ बेस्ड होगी हाजिरी, मुकाबले भी होंगे
मुख्यमंत्री सैनी ने खेल विभाग के अधिकारियों को कहा कि प्रदेश में चल रही खेल नर्सरियों में इंटर खेल नर्सरी, जिला स्तर पर और राज्य स्तरीय मुकाबले करवाए जाएं। इनमें पहले, दूसरे तथा तीसरे स्थान पर आने वाले बच्चों के ग्रुप बनाए जाएं ताकि इनके हुनर का पता लग सके। बैठक में खिलाडियों को दी जाने वाले डाइट मनी बढ़ाने के विषय, कोच की सैलरी बढ़ाने जैसे विषयों पर भी चर्चा हुई। उच्चाधिकारियों ने कहा कि आने वाले दिनों में खेल नर्सरी में खिलाड़ियों की जीओ बेस्ड हाजिरी लगेगी, इसके लिए परियोजना तैयार कर ली गई है।