विशेष आर्टिकल : एक जिला एक उत्पाद (ODOP) UP की आर्थिक क्रांति का प्रतीक – स्थानीय कारीगरों से वैश्विक बाजार तक की यात्रा

विशेष आर्टिकल : एक जिला एक उत्पाद (ODOP) UP की आर्थिक क्रांति का प्रतीक – स्थानीय कारीगरों से वैश्विक बाजार तक की यात्रा
लखनऊ
उत्तर प्रदेश सरकार की एक जिला एक उत्पाद (ODOP) योजना ने न केवल राज्य के पारंपरिक उद्योगों को नई पहचान दी है, बल्कि लाखों लोगों की जिंदगी को बदलकर एक आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था की नींव रखी है। 2018 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शुरू की गई यह योजना अब 75 जिलों में 74 उत्पादों (मई 2025 में 12 नए उत्पाद जोड़े गए) को कवर कर रही है, जो राज्य को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की दिशा में तेजी से ले जा रही है। यह योजना न केवल आर्थिक विकास का माध्यम बनी है, बल्कि स्थानीय कारीगरों, किसानों और उद्यमियों को वैश्विक पटल पर चमकाने का जरिया भी। आइए, जानते हैं कैसे ODOP ने उत्तर प्रदेश को एक नई ऊंचाई दी है।
ODOP योजना: एक नजर में
ODOP का मूल मंत्र है – हर जिले की अनूठी पहचान को ब्रांड बनाना। योजना के तहत प्रत्येक जिले का एक विशेष उत्पाद चुना जाता है, जैसे आगरा का चमड़ा, लखनऊ की चिकनकारी, मुरादाबाद का पीतल उद्योग, या गोरखपुर की टेराकोटा। सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाओं में कौशल विकास, बिना गारंटी ऋण, मार्केटिंग सहायता, ब्रांडिंग और निर्यात प्रोत्साहन शामिल हैं।
मुख्य घटक उद्देश्य
कौशल विकास 80,000+ कारीगरों को प्रशिक्षण, उपकरण वितरण।
वित्तीय सहायता ₹50,000 से ₹5 लाख तक ऋण, 35% तक सब्सिडी।
मार्केटिंग ODOP मार्ट पोर्टल, फ्लिपकार्ट जैसे प्लेटफॉर्म पर बिक्री।
इंफ्रास्ट्रक्चर 10 कॉमन फैसिलिटी सेंटर (CFC) पूर्ण, 18 निर्माणाधीन।
यह योजना 'आत्मनिर्भर भारत' का मजबूत स्तंभ है, जो स्थानीय संसाधनों को वैश्विक बाजार से जोड़ती है।
ODOP से प्रदेश में आर्थिक विकास: आंकड़ों की कहानी
ODOP ने उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई गति दी है। 2017-18 में राज्य के निर्यात ₹88,967 करोड़ थे, जो 2022-23 में बढ़कर ₹1.74 लाख करोड़ हो गए – यानी लगभग दोगुना। 2025 तक निर्यात में 76% की वृद्धि हुई है, जबकि कुल निर्यात ₹2 लाख करोड़ को पार कर चुका है।
• रोजगार सृजन: 40 लाख+ लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार, जिसमें MSME क्षेत्र में 2 करोड़ नौकरियां शामिल हैं। पलायन रुका – अब 90% युवा राज्य में ही रोजगार पा रहे हैं।
• निवेश आकर्षण: 2017 से अब तक ₹1,88,000 करोड़ से अधिक निवेश आया।
• वैश्विक पहुंच: 15 ODOP उत्पादों को GI टैग मिला, 10 और प्रक्रिया में। फ्लिपकार्ट पर अप्रैल 2020 से अक्टूबर 2021 तक ₹1,000 करोड़ से अधिक की 2 करोड़ ODOP उत्पाद बिके। G20 समिट में PM मोदी ने ODOP उत्पाद उपहार दिए।
ODOP-2.0 के तहत ब्रांडिंग, पैकेजिंग और गुणवत्ता सुधार पर जोर दिया जा रहा है, जो 2024-25 में जिला-वार लक्ष्य निर्धारित कर रहा है। यह योजना राज्य को $1 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के लक्ष्य की ओर ले जा रही है।
ODOP से बदली जिंदगियां: प्रेरक सफलता कहानियां
ODOP ने साधारण कारीगरों को उद्यमी बना दिया है। हार्दोई जिले के इकबाल हुसैन की कहानी इसका जीवंत उदाहरण है। पारंपरिक हथकरघा व्यवसाय करने वाले इकबाल ने ODOP के तहत ₹10 लाख का ऋण लिया और कुर्ता-पजामा निर्माण शुरू किया। आज वे 50 बुनकरों को रोजगार दे रहे हैं, मासिक टर्नओवर ₹15 लाख है। "पहले बाजार की कमी थी, अब ODOP मार्ट और निर्यात से हमारी उत्पाद वैश्विक हो गए," वे कहते हैं।
इसी तरह, हरदोई के ही महाशर हुसैन ने ₹25 लाख ऋण से तौलिया फैक्ट्री लगाई, जो गांव में 30 महिलाओं को रोजगार दे रही है। मुरादाबाद के पीतल कारीगरों ने CFC की मदद से निर्यात दोगुना किया, जबकि आगरा के चमड़ा उद्योग में हजारों युवाओं को कौशल प्रशिक्षण मिला। ये कहानियां साबित करती हैं कि ODOP ने न केवल आय बढ़ाई, बल्कि सामाजिक सशक्तिकरण भी लाया – खासकर महिलाओं और ग्रामीण युवाओं के लिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रेरक भाषण: ODOP को आत्मनिर्भर भारत का आधार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ODOP को बार-बार अपनी दूरदृष्टि का प्रतीक बताया है। 8 फरवरी 2024 को लखनऊ में ODOP CFC उद्घाटन के दौरान उन्होंने कहा, "ODOP योजना ने पारंपरिक उद्योगों को बाजार में प्रवेश दिलाया और तकनीकी समर्थन दिया। यह आत्मनिर्भर भारत का आधार स्तंभ बन चुकी है, जो उत्तर प्रदेश को गौरवान्वित कर रही है।" उन्होंने बताया कि 2018 से पहले कारीगरों को 'इंस्पेक्टर राज' का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब युवा उद्यमी बन रहे हैं।
24 जनवरी 2024 को उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस पर अवध शिल्पग्राम में बोलते हुए सीएम योगी ने कहा, "पहले निर्यात ₹86,000 करोड़ था, ODOP ने इसे ₹2 लाख करोड़ कर दिया। चीनी नकली उत्पादों की जगह अब ODOP उत्पाद बाजार में हैं।" G20 समिट के संदर्भ में उन्होंने कहा, "PM मोदी ने ODOP उत्पादों को वैश्विक मंच पर उपहार बनाकर हमारी योजना को अंतरराष्ट्रीय पहचान दी।"
21 सितंबर 2025 को 'सेवा पखवाड़ा' में उन्होंने जोर दिया, "ODOP ने MSME में 2 करोड़ नौकरियां पैदा कीं, जो पलायन रोकने का माध्यम है।" योगी जी के ये उद्गार ODOP को सांस्कृतिक विरासत और आर्थिक प्रगति का संगम बनाते हैं।
भाजपा सरकार की ODOP: लाखों लोगों का लाभार्थी, राष्ट्रीय मॉडल
भाजपा सरकार की यह योजना लाखों लोगों के जीवन का आधार बनी है। 80,000 कारीगरों को प्रशिक्षण, 40 लाख रोजगार, और ₹2 ट्रिलियन निर्यात – ये आंकड़े साबित करते हैं कि ODOP ने बड़े पैमाने पर लाभ पहुंचाया। योजना की सफलता ने अन्य राज्यों को प्रेरित किया, और केंद्र सरकार ने इसे राष्ट्रीय स्तर पर अपनाया। पारदर्शी ऋण वितरण, डिजिटल मार्केटिंग (ODOP मार्ट पोर्टल), और GI टैगिंग ने भ्रष्टाचार मुक्त विकास सुनिश्चित किया। यह कदम 'वोकल फॉर लोकल' को साकार करता है, जो गरीबी उन्मूलन और समावेशी विकास का प्रतीक है।
निष्कर्ष: ODOP – उत्तर प्रदेश का गौरव, भारत का भविष्य
ODOP योजना ने उत्तर प्रदेश को आर्थिक महाशक्ति बनाने की राह दिखाई है। कारीगरों की बदली किस्मत, दोगुने निर्यात, और करोड़ों नौकरियां – यह सब योगी सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति का परिणाम है। आइए, हम सब मिलकर 'लोकल को ग्लोबल' बनाएं। अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट odopup.in पर जाएं।




