राजस्थानराज्य

अजमेर में रोके पांच बाल विवाह, परिजनों को किया पाबंद

अजमेर

जिले में अक्षय तृतीया के अवसर पर हो रहे पांच बाल विवाहों को राजस्थान महिला कल्याण मंडल, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बाल अधिकारिता विभाग, मानव तस्करी विरोधी इकाई, जिला पुलिस एवं प्रशासन के संयुक्त प्रयास से सफलतापूर्वक रोका गया। यह कार्रवाई चाचियावास स्थित महिला कल्याण मंडल के निर्देशन में की गई, जिसमें संबंधित विभागों ने सक्रिय भूमिका निभाई।

संस्थान के निदेशक राकेश कुमार कौशिक ने बताया कि जिले के विभिन्न क्षेत्रों में बाल विवाह की सूचना प्राप्त होने के बाद तुरंत कार्रवाई की गई। रूपनगढ़ के सिणगारा, पीसांगन के भांवता एवं बुधवाड़ा, नसीराबाद के हनुतिया और लोहरवाड़ा गांवों में बाल विवाह की तैयारियां चल रही थीं। इन सूचनाओं को गंभीरता से लेते हुए सभी विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर संबंधित थानों को पत्र भेजे गए और स्थानीय कंट्रोल रूम को सतर्क किया गया।

संस्थान ने धर्मगुरुओं का सहयोग लेकर स्थानीय समुदाय में बाल विवाह के दुष्परिणामों के प्रति जागरूकता अभियान चलाया। परिजनों को समझाया गया कि बाल विवाह न केवल कानूनन अपराध है, बल्कि यह बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और मानसिक विकास पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालता है। तीन दिनों तक चली इस मुहिम में पांचों ही परिवारों को बाल विवाह न करने के लिए पाबंद कर दिया गया।

इस संयुक्त अभियान में संस्था के नानूलाल प्रजापति, सोनू कंवर राठौड़, ज्योति मण्डुरावलिया, चित्रलेखा राज, अमिता और दीपक कुमार जोरम के साथ-साथ चाइल्ड लाइन की टीम ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई। सभी टीमों की सजगता और प्रतिबद्धता के चलते बाल विवाह जैसे सामाजिक कुरीति को रोकने में सफलता मिली। प्रशासन और सामाजिक संगठनों की इस पहल से न केवल पांच मासूमों का भविष्य सुरक्षित हुआ, बल्कि समाज में बाल विवाह के खिलाफ एक सकारात्मक संदेश भी गया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button