मध्य प्रदेश

रक्षाबंधन पर सरकार का तोहफा: 1.26 करोड़ बहनों को 1859 करोड़, 250 रुपए राखी शगुन

नरसिंहगढ़
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि भाईदूज से हर महीने 1500 रुपए बहनों के खाते में आने शुरू हो जाएंगे। गुरुवार को मुख्यमंत्री लाड़ली बहनों से राखी बंधवाने राजगढ़ के नरसिंहगढ़ पहुंचे। उन्होंने फूलों का तारों का सबका कहना है…गाने के बीच बहनों पर फूलों की बरसात की। बहनों ने मंच पर ही सीएम को राखी बांधी। सत्ता से टकराने की हिम्मत बहनों से आती है इस मौके पर डॉ. मोहन यादव ने कहा- भाई-बहन के रिश्ते से ज्यादा पवित्र रिश्ता कोई दूसरा नहीं होता। रक्षाबंधन पर अगर बहन-बेटियां घर आ जाएं, तो लगता है जैसे दिवाली आ गई। मैं सौभाग्यशाली हूं कि मेरी प्रदेश में साढ़े 4 करोड़ बहने हैं। वे जब राखी बांधती हैं, तो आनंद आ जाता है। उन्होंने कहा कि हजारों साल से बड़ी से बड़ी सत्ता से टकराने की हिम्मत अगर कहीं से आती है तो वो बहनों की राखी और आशीर्वाद से ही आती है। बहनें भी बड़े से बड़े संकट में सबसे पहले भाई को ही याद करती हैं और भाई भी दौड़े चले आते हैं।

इस बार का रक्षाबंधन ऑपरेशन सिंदूर के नाम सीएम ने कहा कि इस बार का रक्षाबंधन ऑपरेशन सिंदूर के नाम रहने वाला है। मोदी सरकार आई तबसे आतंकी घटनाएं बंद हो गई थीं। लेकिन, आतंकियों ने गलती से हमारी बहनों के सुहाग को उजाड़ा तो हमारी सेना ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया। बहनें ससुराल और मायका दोनों का ध्यान रखती हैं सीएम ने कहा- पत्नी तो हमारा ध्यान रखती है, लेकिन बेटी के बराबर सुख पिता को कोई नहीं दे सकता है। पिता की चिंता जितना बेटी करती है, कोई नहीं कर सकता है। हमारी बहनें ससुराल और मायका दोनों का ध्यान रखती हैं। जिस घर में कन्या नहीं हो, वह घर अधूरा रहता है।

जिस घर में भाई-बहन हो वह घर स्वर्ग के समान हो जाता है। आज चारों ओर का माहौल अलग दौर से गुजर रहा है, तब रिश्तों का महत्व और बढ़ जाता है। अंग्रेजी में छोटे-छोटे शब्द हैं, अंकल-आंटी में सब कुछ निपट जाते हैं। रेशम के ये दो प्रेम के धागे भाई को हिम्मत और ताकत देते हैं। ये दुनिया की सारी ताकतों से बढ़कर है।
बड़ी संख्या में लाड़ली बहनें मुख्यमंत्री को सुनने पहुंचीं।

बड़ी संख्या में लाड़ली बहनें मुख्यमंत्री को सुनने पहुंचीं
भगवान कृष्ण और द्रौपदी का किस्सा सुनाया सीएम ने कहा- लोग कहते हैं रक्षाबंधन की प्राचीन परंपरा कहां से आई। इसमें एक कहानी बहुत महत्व की है। जब भगवान कृष्ण ने अपनी बुआ को शिशुपाल की 100 गलती माफ करने का वचन दे दिया। उन्होंने कहा था इसके बाद भूल जाऊंगा कि ये मेरा भांजा है। शिशुपाल ने 100 से ज्यादा गलती की, भगवान के सुदर्शन चक्र ने उसका सिर अलग कर दिया। भगवान की उंगली में सुदर्शन चक्र से चोट आ गई। उंगली से खून निकलता देख द्रौपदी ने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़ा और भगवान की उंगली पर बांध दिया। उन्होंने उसी पल्लू से भगवान को राखी भी बांधी। भगवान ने द्रौपदी पर जब भी कष्ट आया, रक्षा की।

जिस दरवाजे गया, बहनें सब भूलकर राखी बांधने लगीं सीएम ने कहा- सड़क से गुजरता हूं तो बहनें रोकती हैं, लोग सोचते हैं कोई समस्या लेकर आई होगी, उन्हें नहीं पता कि वो तो आरती की थाली लेकर आई हैं। अभी हम बाढ़ प्रभावित क्षेत्र गुना गए। वहां कई बहनों के घर डूबे हुए थे। उनके घर का राशन खराब हो चुका है। भारी परेशानी थी। यह सोचकर गया था कि ऐसी-वैसी बात भी सुननी पड़ेगी, लेकिन बहन-भाई का संबंध वाकई अद्भुत है। जिस दरवाजे गया, बहनें सब भूलकर राखी बांधने लगीं। वे अपने सारे कष्ट भूल गईं। सरकार के माध्यम से उनके कष्ट भी दूर करेंगे। परसों राखी है, जब आप अपने भाई को राखीं बांधना और गठान लगाना तो मानना की आप मेरी कलाई में भी राखी बांध रही हैं।

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