बिहार-झारखंडराज्य

पुल निर्माण की मांग को लेकर अनशन, विरोध के चलते राजद नेताओं को लौटना पड़ा वापस

मुजफ्फरपुर

मुजफ्फरपुर जिले के गायघाट विधानसभा क्षेत्र में बूढ़ी गंडक नदी पर रतवारा-ढोली घाट पुल के निर्माण की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन का आज दूसरा दिन रहा। आंदोलन के बीच शुक्रवार को राजद विधायक निरंजन राय, राजद विधायक राजीव कुमार उर्फ मुन्ना यादव, एमएलसी कारी सुहैब और अन्य राजद नेता जब अनशनकारियों के समर्थन में पहुंचे तो स्थानीय लोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। विरोध बढ़ता देख नेताओं को बैरंग लौटना पड़ा।

गौरतलब है कि रतवारा से ढोली घाट तक पुल निर्माण, बंदरा प्रखंड के बड़गांव से शंकरपुर तेपरी तक सड़क के मानक अनुरूप निर्माण, और खगेश्वरनाथ महादेव मंदिर तक जाने वाली सड़क को टू लेन करने की मांग को लेकर बुधवार से आमरण अनशन चल रहा है। इस आंदोलन का नेतृत्व संयोजक श्यामकिशोर कर रहे हैं, जिसमें दर्जनों सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं।

शुक्रवार को जब अनशनकारियों की तबीयत बिगड़ने लगी तो ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को मौके पर बुलाने की मांग को लेकर हंगामा किया। इसके बाद एसडीएम पूर्वी अमित कुमार को वार्ता के लिए भेजा गया।

इसी बीच राजद विधायक निरंजन राय भी अनशन स्थल पर पहुंचे और मंच से घोषणा की कि राजद की सरकार बनने पर एक महीने के भीतर पुल निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा। इस बयान के बाद स्थानीय लोग भड़क गए और “तेजस्वी यादव मुर्दाबाद”, “निरंजन राय मुर्दाबाद” जैसे नारे लगाए गए। कई प्रदर्शनकारियों ने नेताओं को "घूसखोर" कहकर विरोध किया।

स्थिति बिगड़ती देख राजद नेताओं को माइकिंग के बीच अनशन स्थल से बाहर निकलना पड़ा। भारी जनविरोध और नाराजगी के कारण विधायक निरंजन राय व अन्य नेता बिना कार्यक्रम पूरा किए लौट गए। स्थानीय लोग वर्षों से इस पुल के निर्माण की मांग कर रहे हैं, जो अब एक जनांदोलन का रूप ले चुका है। फिलहाल अनशन स्थल पर माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है ।

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