मध्य प्रदेश

इंदौर मेट्रो को सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर के 5.9 किलोमीटर हिस्से के लिए सिक्युरिटी क्लीयरेंस मिल गया

 इंदौर
 इंदौर वासियों ने जनप्रतिनिधियों के साथ 13 साल पहले इंदौर में सबसे पहले प्रदेश की पहली मेट्रो चलाने का जो सपना था, वो अब पूरा होने जा रहा है। इंदौर में सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर के 5.9 किलोमीटर हिस्से, मेट्रो कोच व डिपो को कमिश्नर ऑफ मेट्रो रेलवे सेफ्टी (सीएमआरएस) से क्लीन चिट मिल गई है।

ऐसे में सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर के पांच मेट्रो स्टेशन के बीच मेट्रो का कमर्शियल रन शुरू करने का रास्ता साफ हो गया है। ऐसे में अब शहरवासियों के मेट्रो में सफर में कोई बाधा नहीं बची है। यात्रियों के लिए मेट्रो चलाने के लिए मेट्रो प्रबंधन की पूरी तैयारी है।

स्टाफ, टिकट काउंटर सहित सभी इंतजाम

सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर के पांचों मेट्रो स्टेशन पर स्टाफ, टिकट काउंटर सहित अन्य इंतजाम भी हो चुके हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार चाहेगी तो जल्द ही मेट्रो का कमर्शियल रन शुरू किया जा सकेगा।

पिछले दिनों मेट्रो के अधिकारियों के साथ नगरीय आवास व विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मेट्रो के संबंध में ली बैठक में कहा था कि सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर पर अभी मेट्रो चलाने की जल्दबाजी नहीं है। गांधी नगर से रेडिसन चौराहे के बीच मेट्रो का हिस्सा तैयार होने के बाद अगस्त तक मेट्रो का यात्रियों के लिए संचालन शुरू करने की बात कही थी।

मिलेगी बस की भी कनेक्टिविटी

मेट्रो प्रबंधन ने सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर पर मेट्रो चलाने के लिए एआईसीटीएसएल की ई-बसों के साथ रेडिसन, विजय नगर से एयरपोर्ट का सफर की योजना बनाई है।

    रेडिसन चौराहा, विजयनगर : यात्री ई-बस में बैठकर सुपर कॉरिडोर के स्टेशन नंबर 3 तक पहुंचेगे।
    एससी 3 से गांधी नगर स्टेशन : यात्री मेट्रो में बैठकर सफर करेंगे।
    गांधी नगर से एयरपोर्ट व बड़ा गणपति : यात्री गांधीनगर स्टेशन से ई-बस में बैठ एयरपोर्ट व बड़ा गणपति चौराहे तक की यात्रा करेंगे।
    किराया : यात्रियों को कॉमन कार्ड के माध्यम से न्यूनतम किराया देकर इलेक्ट्रिक बस व मेट्रो में सफर करने का मौका मिला। अलग-अलग टिकट खरीदने की जरूरत नहीं रहेगी।

इंदौर मेट्रो का अब तक का सफर

    2011 : तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) को इंदौर व भोपाल में मेट्रो की डीपीआर बनाने का निर्णय लिया।
    2017 : मप्र मंत्रिमंडल की स्वीकृति मिली।
    2018 : भारत सरकार की स्वीकृति मिली।
    2019 : भारत सरकार, मप्र सरकार व एमपीएमआरसीएल के बीच समझौता हुआ।
    2021 : निर्माण एजेंसी ने मेट्रो निर्माण कार्य शुरू किया।
    2023 : सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर पर पहली बार चलाई गई मेट्रो।
    2025 : मेट्रो चलाने के लिए सीएमआरएस से मिली क्लीन चिट।

8.65 किमी लंबी सुरंग का होगा निर्माण

कंपनी सूत्रों के मुताबिक, यह टेंडर 8.65 किलोमीटर लंबे अंडरग्राउंड गलियारे के निर्माण के लिए दिया गया है, जिसमें एचसीसी की 55% हिस्सेदारी होगी। इस परियोजना के तहत टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) के जरिए 11.32 किमी लंबी सुरंग बनाई जाएगी।

7 भूमिगत स्टेशन होंगे तैयार

इस परियोजना के तहत इन सात जगहों पर भूमिगत स्टेशन तैयार किए जाएंगे।

    इंदौर रेलवे स्टेशन
    राजवाड़ा
    छोटा गणपति
    बड़ा गणपति
    रामचंद्र नगर
    BSF/कलानी नगर
    एयरपोर्ट

टनल बोरिंग मशीन से होगी खुदाई

मेट्रो के भूमिगत प्रोजेक्ट के लिए एयरपोर्ट और बड़ा गणपति क्षेत्र में वेयरहाउस की जमीन पर लगभग 800 वर्ग मीटर क्षेत्र में खुदाई की जाएगी। टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) को 20 मीटर गहराई में उतारकर सुरंग का निर्माण किया जाएगा। इस प्रक्रिया में छह-छह मीटर चौड़ी दो सुरंगें तैयार की जाएंगी, जिनमें मेट्रो की अप और डाउन लाइनें होंगी।

HCC के शेयर में उछाल

इस बड़े प्रोजेक्ट की घोषणा के बाद हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी (HCC) के शेयर में 5 % की तेजी देखी गई, जिससे यह 23.25 रुपए पर पहुंच गया। यह बढ़त तब आई जब कंपनी ने टाटा प्रोजेक्ट्स (TPL) के साथ मिलकर मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (MPMRCL) से इस महत्वपूर्ण ठेके को हासिल करने की जानकारी दी।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button