
जयपुर
जयपुर के वैशाली नगर निवासी 61 वर्षीय प्रकाशचंद जोशी का पश्चिम अफ्रीकी देश माली में आतंकियों द्वारा अपहरण कर लिया गया है। घटना को लेकर जोशी का परिवार बेहद आहत और भयभीत है। पत्नी सुमन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भावुक अपील करते हुए कहा कि वापस ले आओ मेरा सुहाग मोदी जी। इस हादसे से पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है और अब उन्हें बस भगवान और पीएम मोदी से ही उम्मीद है।
जानकारी के अनुसार प्रकाश जोशी एक वरिष्ठ प्रोजेक्ट मैनेजर हैं और देश-विदेश की नामी सीमेंट कंपनियों के लिए काम कर चुके हैं। हाल ही में हैदराबाद की एक कंपनी द्वारा माली में शुरू किए गए सीमेंट प्लांट में उन्हें नियुक्त किया गया था। 30 मई को वह तीन महीने की ड्यूटी के लिए माली रवाना हुए थे और 5 जून को उन्होंने प्लांट में कार्यभार संभाला था।
1 जुलाई की शाम करीब 7 बजे सौ से ज्यादा हथियारबंद आतंकियों ने प्लांट पर हमला कर दिया और लूटपाट, आगजनी और तोड़फोड़ करते हुए पूरे प्लांट को तहस-नहस कर प्रकाश जोशी सहित दो अन्य भारतीयों को अगवा करके जंगलों की तरफ ले गए। हमले की जिम्मेदारी अल-कायदा से जुड़े आतंकी संगठन जमात नुसरत अल-इस्लाम वल मुस्लिमीन ने ली है।
प्रकाश जोशी की परिवार से आखिरी बार बातचीत 30 जून को हुई थी। इसके बाद 2 जुलाई को कंपनी की ओर से उनके अगवा होने की सूचना दी गई। तब से ही परिवार में कोहराम मचा हुआ है। कुछ दिनों बाद तीनों बंधकों की एक फोटो जारी की गई, जिसमें वे जंगली इलाके में नजर आए। परिवार का कहना है कि 14 दिन बीत जाने के बावजूद अभी तक कोई ठोस मदद नहीं मिल सकी है। हालांकि भारतीय दूतावास और कंपनी द्वारा आश्वासन दिया जा रहा है कि जल्द स्थिति संभलेगी लेकिन विदेश मंत्रालय की ओर से न तो कोई जवाब आया है और न ही कोई प्रतिक्रिया।
अगवा किए गए प्रकाश जोशी की पत्नी सुमन जोशी और बड़ी बेटी चित्रा जोशी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हुए कहा कि हमें भरोसा है कि पीएम मोदी हमारे परिवार की आवाज जरूर सुनेंगे। उन्होंने पहले भी विदेशों में फंसे भारतीयों को बचाया है, आज हम भी उन्हीं से उम्मीद लगाए बैठे हैं। मेरी बस यही प्रार्थना है कि मोदी जी, मेरा सुहाग सुरक्षित वापस ले आइए। चित्रा जोशी, जो मुंबई में काम करती हैं, अपनी बीमार मां को संभालने के लिए जयपुर आ गई हैं। उनका कहना है कि दिन-रात डर का साया परिवार पर मंडरा रहा है। हर पल उन्हें अनहोनी की आशंका सता रही है। जयपुर के चित्रकूट रोड स्थित उनके घर में अब हर आहट पर नजरें दरवाजे की ओर जाती हैं। परिवार को पूरी आशा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले में खुद हस्तक्षेप करेंगे और तीनों बंधकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करवाएंगे।