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हिसार जेल में बिताएगी ज्योति मल्होत्रा अपना 35वां जन्मदिन: जासूसी आरोपों की गिरफ्त

हिसार
 जेल में बंद यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा आज 35 साल की हो गई हैं। ज्योति एक चर्चित यूट्यूबर रही है, जिसकी सोशल मीडिया पर लाखों की फॉलोइंग है। अपनी विदेशी यात्राओं, बेबाक अंदाज और ग्लैमरस जीवनशैली के चलते वह हमेशा चर्चा में रहती थी। लेकिन आज वही ज्योति अपनी पहचान और आज़ादी दोनों से दूर जेल में सन्नाटे के बीच अपने जन्मदिन की सुबह देख रही है। जहां कभी वह कैमरे के सामने थी, अब पुलिस की निगरानी में है। जहां पहले उसे लाइक्स और व्यूज़ मिलते थे, अब चार्जशीट और धाराओं की चर्चा हो रही है।

पिछले साल गुरुग्राम के फाइव स्टार होटल में अपना जन्मदिन मनाने वाली ज्योति इस बार जेल की चारदीवारी के भीतर ही अपना बर्थडे मनाएगी। इस बार उसके बर्थडे में न केक होगा, न कैमरा होगा और न ही कोई सेलिब्रेशन होगा। बता दें कि ज्योति मल्होत्रा पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में जेल में बंद है। जेल मैनुएल के हिसाब वो अपने बर्थडे के दिन जेल के अंदर योगा करेंगी।

ज्योति पिछले साल अपने जन्मदिन से पहले अप्रैल में पाकिस्तान गई थी। इसके बाद ज्योति ने सितंबर में थाईलैंड के पटाया शहर की जर्नी की थी। आपरेशन सिंदूर के बाद ज्योति पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप लगे थे, जिस वजह से वह 17 मई से जेल में बंद है। उसे 15 अगस्त को पूरे 90 दिन जेल में हो जाएंगे।

उधर, ज्योति के वकील कुमार मुकेश का कहना है कि अगर पुलिस 90 दिन के अंदर चार्जशीट पेश नहीं कर पाती है तो वह ज्योति की डिफॉल्ट बेल की एप्लिकेशन लगाएंगे। यह बेल तब लगती है जब पुलिस आरोपी के खिलाफ कोई सबूत कोर्ट में नहीं दे पाती।

ज्योति पर जो धाराएं लगी हैं, उनमें 7 साल से अधिक की सजा का प्रावधान है। ऐसे में पुलिस को जांच कर चालान पेश करने के लिए 90 दिन का समय मिला है। 7 साल से कम सजा में चार्जशीट के लिए 60 दिन का समय मिलता है। वहीं, ज्योति मल्होत्रा केस की जांच और चालान को लेकर हिसार पुलिस के आईओ से लेकर शीर्ष अधिकारी तक कुछ कहने से कतरा रहे हैं।

जेल सुपरिंटेंडेंट बोले- जेल में जन्मदिन मनाने का कोई प्रावधान नहीं उधर, हिसार की सेंट्रल जेल टू के सुपरिंटेंडेंट रमेश कुमार का कहना है कि जेल में सजायाफ्ता या विचाराधीन बंदी के जन्मदिन मनाने का कोई प्रावधान नहीं है।

सुपरिंटेंडेंट ने बताया कि जेल में हजारों लोग हैं, सरकार से कोई अलग से बजट उनके पास नहीं आता। साथ ही उन्होंने बताया कि जेल में सभी महिला कैदियों को योगा करवाया जाता है। सिलाई-कढ़ाई और पढ़ने को किताबें दी जाती हैं।

पाकिस्तान का किया था दौरा
बता दें कि ज्योति मल्होत्रा का नाम पहली बार संदेह के घेरे में तब आया जब वह अप्रैल 2024 में पाकिस्तान गई थी। इसके बाद सितंबर 2024 में उसने थाईलैंड के पटाया शहर की यात्रा की। इन यात्राओं और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नामक खुफिया जांच अभियान के बाद उस पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के गंभीर आरोप लगे। इसी सिलसिले में 17 मई 2025 को उसे गिरफ्तार किया गया और तब से वह जेल में बंद है। ज्योति के वकील कुमार मुकेश का कहना है कि यदि पुलिस 90 दिनों के भीतर यानी 15 अगस्त 2025 तक चार्जशीट दाखिल नहीं कर पाती, तो वह अदालत में डिफॉल्ट बेल की अर्जी लगाएंगे। कानून के अनुसार, जिन धाराओं में 7 साल से अधिक की सजा का प्रावधान है, उसमें पुलिस को चार्जशीट दाखिल करने के लिए 90 दिन का समय मिलता है। यदि इस अवधि में आरोप-पत्र दाखिल नहीं होता, तो आरोपी को डिफॉल्ट ज़मानत का अधिकार मिल जाता है।

पुलिस की चुप्पी बनी रहस्य
हिसार पुलिस और केस के जांच अधिकारी (IO) इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं। न तो जांच की प्रगति पर कोई बयान दिया गया है, और न ही यह बताया गया है कि पुलिस के पास अब तक क्या सबूत आए हैं। शीर्ष अधिकारियों से लेकर स्थानीय जांच इकाइयों तक सभी इस मामले में बोलने से कतरा रहे हैं। अब सबकी निगाहें 15 अगस्त पर टिकी हैं। क्या पुलिस चार्जशीट दाखिल कर पाएगी या ज्योति को कानूनी प्रक्रिया के तहत डिफॉल्ट बेल मिल जाएगी? यह आने वाला वक्त बताएगा। फिलहाल, ज्योति का 35वां जन्मदिन सवालों और सन्नाटों के बीच जेल में ही बीतने जा रहा है।

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