उत्तराखंड

Kedarnath Yatra: केदारनाथ यात्रा में फिर दौड़े घोड़े-खच्चर, एक सप्ताह बाद शुरू हुआ संचालन

केदारनाथ यात्रा के दौरान पैदल चलने में असमर्थ तीर्थयात्रियों के लिए राहत की खबर है। रविवार से केदारनाथ पैदल मार्ग पर एक हजार से अधिक घोड़े-खच्चरों का संचालन फिर से शुरू हो गया है। इससे उन श्रद्धालुओं को बड़ी सहूलियत मिली है जो शारीरिक कमजोरी, उम्र या बीमारी के चलते पैदल यात्रा करने में असमर्थ हैं।

स्वास्थ्य विभाग की सख्त हिदायत

हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने घोड़ा-खच्चर संचालकों को कड़े निर्देश दिए हैं कि यदि किसी भी जानवर में बीमारी के लक्षण नजर आएं तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाकर जांच कराना अनिवार्य होगा। यह निर्देश इक्वाइन इन्फ्लूएंजा के संक्रमण को दोबारा फैलने से रोकने के उद्देश्य से दिए गए हैं।

इक्वाइन इन्फ्लूएंजा के कारण लगा था प्रतिबंध

गौरतलब है कि बीते सप्ताह घोड़े-खच्चरों में इक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस के संक्रमण की पुष्टि होने के बाद पैदल मार्ग पर इनकी आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। शुक्रवार को ट्रायल के रूप में 46 घोड़े-खच्चरों को केदारनाथ तक भेजा गया, जिसके बाद उनके स्वास्थ्य में सुधार देखा गया।

 

शनिवार से शुरू हुआ सीमित संचालन

शनिवार को 311 घोड़े-खच्चर तीर्थयात्रियों को लेकर गौरीकुंड से केदारनाथ रवाना किए गए। रविवार को यह संख्या बढ़कर 1,000 से अधिक हो गई। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशीष रावत ने बताया कि संक्रमित पशुओं की स्थिति में अब संतोषजनक सुधार है, इसलिए धीरे-धीरे संचालन को दोबारा शुरू किया गया है।

डंडी-कंडी और पिट्ठू सेवाओं में कोई बाधा नहीं

उधर, केदारनाथ यात्रा में शामिल डंडी-कंडी व पिट्ठू सेवाएं नियमित रूप से जारी हैं। जिला पंचायत रुद्रप्रयाग के अपर मुख्य अधिकारी संजय कुमार ने बताया कि प्रतिदिन 1,000 से 1,200 तीर्थयात्री डंडी-कंडी के माध्यम से केदारनाथ पहुंच रहे हैं।

राशन और जरूरी सामान की सप्लाई भी जारी

इसके साथ ही, लगभग एक हजार डंडी-कंडी व पिट्ठू संचालक राशन, दवाइयां व अन्य जरूरी सामान केदारनाथ धाम तक पहुंचाने में भी सक्रिय रूप से लगे हुए हैं। ये सेवाएं यात्रियों की सुविधा और धाम की आपूर्ति व्यवस्था को बनाए रखने में अहम भूमिका निभा रही हैं। एक सप्ताह के प्रतिबंध के बाद घोड़े-खच्चरों के संचालन की बहाली से केदारनाथ यात्रा फिर से सामान्य होने लगी है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की सतर्कता के बीच यात्रियों की सुविधा को प्राथमिकता दी जा रही है।

 

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