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खेल नर्सरियों में अब खिलाडिय़ों के लिए बायोमीट्रिक पंचिंग शुरू, नहीं की तो नहीं मिलेगा खुराक भत्ता

जींद
खेल नर्सरियों में अब खिलाडिय़ों के लिए बायोमीट्रिक पंचिंग शुरू करवाई गई है। अब रजिस्टर में भरी गई हाजिरी मान्य नहीं होगी। खिलाडिय़ों की ऑनलाइन हाजिरी होगी तो ही खिलाडिय़ों के बैंक खाते में खुराक भत्ता आएगा।

खेल विभाग द्वारा जारी आदेशों के बाद अब खेल नर्सरियों ने बायोमीट्रिक पंचिंग मशीन खरीदनी शुरू कर दी है। 15 अगस्त से प्रदेश की सभी खेल नर्सरियों में ये आदेश लागू हो गए हैं। प्रदेश इस समय करीब दो हजार खेल नर्सरियां चल रही हैं। जींद जिले के इस सत्र में सरकारी स्कूलों, ग्राम पंचायतों में 60 खेल नर्सरियां चल रही है। इनमें जींद जिले में कुश्तीए कबड्डी, हैंडबाल, वेट लिफ्टिंग, वॉलीबॉल, हॉकी, स्वीमिंग, कुश्ती, फुटबॉल, बॉक्सिंग, ऑर्चरी,  बॉस्केटबॉल, एथलेटिक, वुशू, नेटबॉल की प्रेक्टिस अलग-अलग वर्ग के खिलाडिय़ों को करवाई जा रही है।

जिला खेल अधिकारी रामपाल हुड्डा ने कहा कि खेल विभाग की तरफ से पत्र मिलने के बाद नर्सरियों में पंचिंग मशीनें लगाई जा रही हैं। इसमें किसी प्रकार की कोताही सहन नहीं की जाएगी। इनमें 500 नर्सरियां सरकारी और 1500 के करीब प्राइवेट संस्थानों में चल रही हैं। खेल नर्सरियों में प्रेक्टिस करने वाले आठ से 14 वर्ष के खिलाडिय़ों को दो हजार रुपये, 15 से 19 वर्ष के खिलाडिय़ों को तीन हजार रुपये महीना डाइट मनी के तौर पर मिलता है। खेल मंत्री गौरव गौतम के पास कई जगहों से खेल नर्सरियों में गड़बड़ होने की शिकायतें आ रही थीं।

 

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