
चंडीगढ़
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को पूर्व फायर अफसर आईएस चौहान को 2 लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया है। चौहान को चीफ फायर अफसर के पद से महज इस वजह से वंचित कर दिया गया क्योंकि उनके पास साइंस में ग्रेजुएशन की डिग्री नहीं थी। जबकि यह योग्यता अनिवार्य नहीं थी।
इस पर जस्टिस विनोद भारद्वाज ने फैसला में में कहा कि कोर्ट याचिकाकर्ता को चीफ फायर ऑफिसर पद पर पदोन्नत करने का आदेश नहीं दे सकती। क्योंकि वह पद न तो सेवा नियमों के अंतर्गत था और न ही कभी भरा गया। लेकिन याचिकाकर्ता को गलत कारणों से अयोग्य ठहराया गया। जिससे उन्हें मानसिक पीड़ा व कानूनी लड़ाई झेलनी पड़ी। कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि 3 माह के भीतर पीड़ित को दो लाख का मुआवजा दिया जाए। जो मानसिक तनाव और आर्थिक बोझ झेला है, उससे कुछ राहत मिल सके।
वायुसेना में रह चुके हैं अधिकारी
बता दें कि अम्बाला के रहने वाले पूर्व वायुसेना अधिकारी आईएस चौहान ने 1989 में रिटायर होने के बाद हरियाणा सरकार में फायर स्टेशन आफिसर बने थे। उनकी नियुक्ति 1990 में हुई थी। 1998 में फायर ऑफिसर पद पर प्रमोशन हुआ था। उन्होनें सरकार से कई बार चीफ फायर अफसर पद पर प्रमोशन की मांग की, लेकिन डिग्री की वजह से अयोग्य ठहराया गया।