मध्य प्रदेश

नदियों और जल स्त्रोतों के प्रति समाज को संवेदनशील बनाने का सांस्कृतिक प्रयास है “सदानीरा” प्रदर्शनी : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

नदियों और जल स्त्रोतों के प्रति समाज को संवेदनशील बनाने का सांस्कृतिक प्रयास है "सदानीरा" प्रदर्शनी : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विधानसभा के सेंट्रल हॉल में किया प्रदर्शनी सदानीरा का शुभारंभ

प्रदेश में जल गंगा संवर्धन अभियान की उपलब्धियों पर केंद्रित है प्रदर्शनी
अमृतस्य नर्मदा, प्रदेश की बावड़ियों, प्रदेश की प्रमुख जल संरचनाओं और जलीय जीवन के प्राणतत्व-जलचर को भी किया गया प्रदर्शित

भोपाल 

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप राज्य सरकार ने 30 मार्च से 30 जून 2025 तक 90 दिवसीय जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया। सम्पूर्ण प्रदेश में चले इस अभियान में जनभागीदारी की अद्भुत मिसाल देखने को मिली। स्थानीय नागरिकों ने जल संरक्षण के प्रति अपनी सहभागिता सुनिश्चित की नदियों, जलस्रोतों व जल संरचनाओं को संरक्षित करने 2 लाख 30 हजार 740 से अधिक जलदूतों ने पंजीयन कराया। अभियान के अंतर्गत अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल कर निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति करते हुए मध्यप्रदेश में 84 हजार 726 खेत तालाब, 1 लाख 4 हजार 276 कूप रिचार्ज पिट और 1283 अमृत सरोवरों का निर्माण कराया गया। इतना ही नहीं जल संचय करने वाले जिलों में खंडवा देशभर में नबर वन बना और राज्यों की श्रेणी में मध्यप्रदेश, देश में चौथे स्थान पर रहा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विधानसभा के सेंट्रल हॉल में जल गंगा संवर्धन अभियान की उपलब्धियों पर केंद्रित प्रदर्शनी "सदानीरा" का शुभारंभ कर संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्ज्वलित कर प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार भी मौजूद रहे।

नदी संरक्षण वैज्ञानिक दायित्व के साथ सांस्कृतिक चेतना का भी है आह्वान

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इस अभियान ने राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश की एक अलग पहचान स्थापित की है। यह अभियान अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा स्त्रोत है। अभियान की अभूतपूर्व उपलब्धियों को प्रदर्शनी के रूप में संयोजित किया गया है। यह प्रदर्शनी नदियों और जल स्त्रोतों के प्रति समाज को संवेदनशील बनाने का एक सांस्कृतिक प्रयास है। नदियां जलधाराएं ही नहीं, हमारी स्मृतियों, परंपराओं और जीवन की आधारशिला है। नदी संरक्षण केवल वैज्ञानिक दायित्व नहीं, अपितु सांस्कृतिक चेतना का आह्वान है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विधानसभा के सेंट्रल हॉल तथा फोर लेन मुक्ताकाशी परिसर में केन्द्रित प्रदर्शनी का अवलोकन किया। यह प्रदर्शनी विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा सदस्यों के अवलोकन के लिए उपलब्ध रहेगी।

वीर भारत न्यास ने किया प्रदेश की जलीय विविधता को प्रदर्शित

प्रदर्शनी में जल गंगा संवर्धन अभियान की उपलब्धियों, प्रदेश की बावड़ियों, जलीय जीवन के प्राणतत्व-जलचर, अमृतस्य नर्मदा, उपग्रह की नजर से प्रदेश की प्रमुख जल संरचनाओं जैसी प्रदेश की जलीय विविधता को वीर भारत न्यास द्वारा प्रदर्शित किया गया है। इस प्रदर्शनी में जनसंपर्क विभाग और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, संचालनालय पुरातत्व, अभिलेखागार और संग्रहालय एवं बरकतउल्ला विश्वविद्यालय सहयोगी संस्थाएं हैं।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button