सम्पूर्ण पश्चिम मध्य रेलवे में चल रहा संरक्षा अभियान

पहले साप्ताह में पैसेंजर लूप लाईन के उन्नयन से सम्बंधित जागरूकता अभियान
भोपाल
रेलवे बोर्ड द्वारा दिए गए निर्देशों के तहत चार सप्ताह में रेलवे में संरक्षा से सम्बंधित चार जागरूकता अभियान चलाने की पहल की जा रही है। इस अभियान में चरणबद्ध तरीके से पैसेंजर लूप लाईन चैकिंग अभियान, यूएसएफडी क्या है, मशीन कैसे काम करती है से संबंधित जांच अभियान, कितनी खामियां डिटेक्ट की गईं और इनके परिणामस्वरूप सघन मानिटरिंग के चलते संरक्षा में निरंतर सुधार हो रहा है एवं यार्ड में चल रहे संरक्षा सुधार के कामकाज, गेज एलाइनमेंट, इंटरलॉकिंग, फोर्स ले आउट जैसे उन्नयन कार्य की समीक्षा कर जागरूकता अभियानों के तहत संरक्षा पहल शामिल है। इसी कड़ी में पश्चिम मध्य रेलवे संरक्षा अभियान के तहत पहले साप्ताह के पहले दिन भोपाल एवं कोटा मण्डलों में पैसेंजर लूप लाईन के उन्नयन से सम्बंधित जागरूकता अभियान चलाया गया। दूसरे दिन जबलपुर मण्डल में भी पैसेंजर लूप लाईन के उन्नयन से संरक्षा से सम्बंधित जागरूकता अभियान चलाया गया।
गौरतलब है कि पश्चिम मध्य रेल महाप्रबंधक श्रीमती शोभना बंदोपाध्याय के मार्गदर्शन में बुनियादी ढांचे को यात्री सुविधा एवं संरक्षा बढ़ाने के दृष्टिकोण के अनुरूप संरक्षा, सुरक्षा, परिचालन दक्षता को मजबूत करने और यात्री यात्रा के समय को कम करने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण पहल की जा रही है। इस पहल का लक्ष्य यात्री रनिंग लूप लाइनों के उन्नयन पर है, जो विशेष रूप से उच्च घनत्व वाले यातायात मार्गों में निर्बाध ट्रेन संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसी कड़ी में सम्पूर्ण पश्चिम मध्य रेलवे में संरक्षा अभियान पहल की जा रही है।
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य आधुनिक संरक्षा, सुरक्षा और गति मानकों को पूरा करने के लिए यात्री लूप लाइनों की गुणवत्ता और प्रदर्शन में सुधार करना है। ये लूप लाइनें ट्रेनों की क्रॉसिंग, ओवरटेकिंग और ट्रेन यातायात को विनियमित करने के साथ समयबद्धता, सुरक्षा और समग्र यात्री संतुष्टि को प्रभावित करती है। रेलवे यार्ड्स में टर्नआउट्स विभिन्न रेल लाइनों को आपस में जोड़ने का कार्य करते हैं, जिससे ट्रेनों को एक लाइन से दूसरी लाइन में सुरक्षित रूप से लाया जा सकता है।
भोपाल मण्डल :- भोपाल मंडल के यार्ड्स में सुधारात्मक कार्रवाई करते हुए प्रत्येक यार्ड में टर्नआउट को निर्धारित मानकों के अनुरूप उन्नत किया जा रहा है। इसके आलावा एलसी गेट्स के स्थान पर अंडर पास (एलएचएस) और रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) का निर्माण किया जा रहा है, जिससे ट्रेनों की समयपालनता के साथ-साथ सड़क यातायात की सुविधा में सुधार हो सके। वित्तीय वर्ष 2024-25 में मंडल के इटारसी-खंडवा खंड में सात एलसी गेट्स के स्थान पर अंडर पास बनाया गया है, वहीं भोपाल-बीना खंड में तीन, इटारसी-भोपाल खंड में एक और बीना-कटनी खंड में एक गेट को आरओबी बनाया गया है। वर्तमान में 12 स्थानों पर अंडर पास निर्माण कार्य और 15 स्थानों पर आरओबी निर्माण कार्य प्रगति पर हैं।
कोटा मण्डल :- रेलवे बोर्ड के दिशा-निर्देशन में कोटा मंडल को कुल 90 यार्ड को अपग्रेड करने का लक्ष्य दिया गया है। इस कार्य में रेलवे बोर्ड भारतीय रेल पथ नियमावली के अनुसार ट्रैक रखरखाव के मानकों के अनुरूप यात्री लूप लाइनों की अधिक सुरक्षा एवं स्थायित्व सुनिश्चित होंगे। कोटा डिवीजन इन निर्देशों की सफल अनुपालना में 42 यार्ड की यात्री लूप लाइनों को अप्रैल 2025 तक सफलतापूर्वक अपग्रेड किया कर चुका है, शेष 48 यार्ड की लूप लाइनों को निर्धारित लक्ष्य से पहले दिसंबर 2025 तक पूरा करने का काम चल रहा है।
जबलपुर मण्डल :- पिछले वर्षों के दौरान कुल 50 किलोमीटर पैसेंजर रनिंग लूप्स और यार्ड लाइनों को मजबूत करने हेतु रेल प्रतिस्थापन (द्वितीयक) और 45 किलोमीटर स्लीपर प्रतिस्थापन (द्वितीयक) कार्य निष्पादित किया गया है। जबलपुर स्टेशन पर प्लेटफार्म संख्या 2 के क्षतिग्रस्त वॉशेबल एप्रन की पूरी तरह से मरम्मत कर दी गई है। इसके आलावा ड्रेनेज, बैलस्ट रेजिलियन्स और ट्रैक की राइडिंग क्वालिटी में सुधार के लिए कुल 498 टर्नआउट की डीप स्क्रीनिंग पूरी की गई है। सभी पैसेंजर लूप लाइनों और यार्ड लाइनों के ट्रैक पैरामीटर की रिकॉर्डिंग नियमित आधार पर की जा रही है और ट्रैक की सुरक्षा को और बढ़ाने के लिए, जहां भी आवश्यक हो, सुधारात्मक कार्रवाई की जा रही है।
पश्चिम मध्य रेलवे द्वारा किए जा रहे ये प्रयास न केवल यात्रियों की संरक्षा एवं सुरक्षा को मजबूती प्रदान करते हैं, बल्कि ट्रेनों की समयबद्धता और परिचालन की गुणवत्ता को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहे हैं। पश्चिम मध्य रेलवे यात्रियों को बेहतर, सुरक्षित और सुविधाजनक रेल सेवा उपलब्ध कराने हेतु सतत प्रयासरत है। पमरे साथ ही उच्च मानकों और तेज़ निष्पादन समयसीमा को अपनाकर, यात्री अनुभव को बदलने और आधुनिक, संरक्षित, सुरक्षित और कुशल दृष्टिकोण में योगदान देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।