उत्तर प्रदेशराज्य

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर हादसे में सात सफाई कर्मचारियों की मौत

नूंह

नूंह जिले में शनिवार सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। थाना फिरोजपुर झिरका सीमा के अंतर्गत दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर इब्राहिमबास गांव के पास तेज रफ्तार पिकअप वाहन ने सफाई कार्य में जुटे कर्मचारियों को टक्कर मार दी। इस भीषण हादसे में छह सफाई कर्मचारियों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि पांच अन्य कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गए। सफाई करने वाले 11 कर्मचारियों में 10 महिलाएं और एक पुरुष था। जिनमें से छह महिलाओं की मौके पर मौत हो गई और पांच लोगों को गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां एक और सफाईकर्मी ने दम तोड़ दिया। हादसे में कुल सात लोगों की मौत हो गई है। चालक गाड़ी को छोड़कर मौके से फरार हो गया।

हादसा सुबह करीब 10 बजे हुआ, जब करीब 11 सफाई कर्मचारी एक्सप्रेसवे पर सफाई कार्य कर रहे थे। अचानक आई तेज रफ्तार पिकअप ने इन कर्मचारियों को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि छह कर्मचारियों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। घायल पांच कर्मचारियों को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां एक और कर्मचारी की मौत हो गई। घायलों की हालत नाजुक बनी हुई है।

हादसे के बाद घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी और घायलों को अस्पताल पहुंचाने में मदद की। देखते ही देखते सड़क पर भारी भीड़ जमा हो गई। एंबुलेंस, रोड सुरक्षा एजेंसी के वाहन और पुलिस टीमें मौके पर पहुंचीं। हादसे की भयावहता ऐसी थी कि आसपास के लोग स्तब्ध रह गए। कई शवों के टुकड़े अलग-अलग हो गए।

घटना इतनी भयावह थी कि इसकी खबर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई। लोग इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त कर रहे हैं और मृतकों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट कर रहे हैं। कई यूजर्स ने सड़क सुरक्षा और तेज रफ्तार वाहनों पर नियंत्रण की मांग भी उठाई है।

पुलिस के अनुसार, मृतकों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। हादसे के कारणों की जांच की जा रही है और पिकअप चालक के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। पुलिस की ओर से बताया कि सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्यों की मदद से हादसे की पूरी परिस्थितियों का पता लगाया जाएगा। यह हादसा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर होने वाली दुर्घटनाओं की कड़ी में एक और दुखद घटना है।

इससे पहले भी इस एक्सप्रेसवे पर कई बार घने कोहरे, तेज रफ्तार और लापरवाही के कारण हादसे हो चुके हैं। इस घटना ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा और एक्सप्रेसवे पर कार्यरत कर्मचारियों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। प्रशासन ने हादसे के बाद एक्सप्रेसवे पर यातायात को नियंत्रित किया और घटनास्थल को खाली कराया। घायलों के इलाज और मृतकों के परिजनों को सूचित करने की प्रक्रिया जारी है।

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