
जयपुर
वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संजय शर्मा की अध्यक्षता में सोमवार को शासन सचिवालय में वन्यजीव मण्डल की स्थायी समिति की चतुर्थ बैठक का आयोजन किया गया। श्री शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की वन्यजीव सम्पदा की रक्षा एवं जैव विविधता को समृद्ध बनाये रखने के सभी प्रयास किए जाएंगे।
बैठक में सदस्यों द्वारा प्रदेश के वन्यजीव स्वीकृति से सम्बंधित विभिन्न प्रस्तावों पर विचार विमर्श किया गया। इसके साथ ही बैठक में गत 18 फरवरी को हुई बैठक के कार्यवाही विवरण का अनुमोदन एवं प्राप्त निर्देशों की पालना की समीक्षा भी की गई। एप्रोच रोड, मोबाइल टावर, सड़क निर्माण एवं मरम्मत, ऑप्टिकल फाइबर केबल एवं नवीन निर्माण से सबंधित कुल 12 नए प्रस्तावों एवं 4 अन्य प्रस्तावों पर चर्चा की गई।
बैठक में प्रदेश के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व, रणथंभौर टाइगर रिजर्व, मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व, जमवारामगढ़ वन्यजीव अभयारण्य, डेजर्ट नेशनल पार्क, कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य, राष्ट्रीय चम्बल घड़ियाल अभयारण्य, सरिस्का टाइगर रिजर्व, माउंट आबू वन्यजीव अभयारण्यएवं भैंसरोड़गढ़ वन्यजीव अभयारण्य के प्रस्तावों पर चर्चा कर अपने सुझावों के साथ राज्य वन्यजीव मण्डल को भेजने का निर्णय लिया। बैठक में रणथंभौर टाइगर रिजर्व में पर्यटकों के लिए सुविधायुक्त नेचर इंटरप्रिटेशन एंड एग्जीबिशन सेंटर की स्थापना के विषय पर भी चर्चा की गई।
इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव (वन) श्रीमती अपर्णा अरोड़ा,सदस्य सचिव स्थायी समिति राज्य वन्यजीव मण्डल एवं प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुश्री शिखा मेहरा, स्थायी समिति राज्य वन्यजीव मण्डल के सदस्य श्री रवि सिंह, श्री राजपाल सिंह तंवर एवं अन्य विभागीय वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री अरिजीत बनर्जी एवं जिलों के अन्य सम्बंधित अधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े।