प्रदेश की आबादी 7.26 करोड़, इस आधार पर राज्य में 89,552 डॉक्टर होने चाहिए लेकिन केवल 49,730 डॉक्टर उपलब्ध

भोपाल
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के मुताबिक, एक हजार की आबादी पर एक डॉक्टर होना चाहिए। देश में ऐलोपैथिक डॉक्टरों की 80% उपलब्धता और 6 लाख 14 हजार आयुष डॉक्टरों को मिलाकर, करीब 811 की आबादी पर एक डॉक्टर उपलब्ध है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में डॉक्टरों का औसत डब्ल्यूएचओ के मानकों से बेहतर है। लेकिन मध्यप्रदेश की स्थिति देखें तो यहां 1460 लोगों की आबादी पर एक डॉक्टर है। लोकसभा में शुक्रवार को पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह जानकारी सामने आई है।
2011 की जनगणना के आंकड़ों को देखें तो मध्यप्रदेश की आबादी 7.26 करोड़ है। इस आधार पर, राज्य में 89,552 डॉक्टर होने चाहिए थे। लेकिन लोकसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, राज्य में केवल 49,730 डॉक्टर उपलब्ध हैं, जिसमें सरकारी और निजी दोनों शामिल हैं।
85 साल से अपडेट नहीं हुआ डॉक्टरों का रिकॉर्ड
मध्यप्रदेश मेडिकल काउंसिल में साल 1939 से अब तक करीब 62 हजार डॉक्टरों का रिकॉर्ड दर्ज है। लेकिन यह डेटा अब तक अपडेट नहीं किया गया कि कितने डॉक्टरों की मौत हो चुकी है, कितने दूसरे राज्यों में जा चुके हैं, और कितने विदेशों में शिफ्ट हो गए हैं।
मेडिकल काउंसिल के अफसरों ने बताया कि 2019 से डॉक्टरों के पंजीकरण की प्रक्रिया ऑनलाइन की गई। अब तक केवल 20 हजार डॉक्टरों का रिकॉर्ड ऑनलाइन दर्ज हो पाया है।
2021 में मेडिकल काउंसिल ने डॉक्टरों को मेडिकल रजिस्टर में जानकारी अपडेट कराने की प्रक्रिया शुरू की। लेकिन तीन सालों में सिर्फ 19 हजार डॉक्टरों ने रिकॉर्ड अपडेट कराने के लिए आवेदन दिया। करीब 23 हजार डॉक्टर ऐसे हैं, जिनका स्टेटस अब तक स्पष्ट नहीं है।