खेल

रिंग के बाहर असली ड्रामा! पर्दे के पीछे की रेसलिंग दुनिया के हैरान कर देने वाले राज

नई दिल्ली

लड़कपन से  30s की उम्र में आते-आते पहले ही क्या कम तमाम खूबसूरत भ्रम टूटकर फीके यथार्थ में बदल चुके थे, जो अब ये डाक्यूमेंट्री भी देखना बाकी था! WWE की रिंग, फाइट्स, सुपरस्टार्स, उनकी एंट्री वाला म्यूजिक, उनके 'किलर' मूव और उनकी आपसी दुश्मनी एक वक्त हम सबने टीवी पर बहुत देखी है. अब नेटफ्लिक्स की डाक्यूमेंट्री 'WWE Unreal' इस पूरे खेल के पीछे का खेल दिखाने आई है. 

ईमानदारी से कहूं तो WWE ने पहली बार दिल तब तोड़ा था जब पता लगा था कि अंडरटेकर और केन असलियत में सगे भाई नहीं हैं. वो तो दो बिल्कुल अलग लोग हैं जो इस शो पर अंडरटेकर और केन के 'किरदारों में' नजर आते हैं! फिर भी दिल को समझा-बुझाकर किसी तरह ये प्रेम प्रसंग बरकरार रखा गया. मगर तबतक ये भी अफवाह जोरों पर थी कि WWE तो स्क्रिप्टेड होती है. 

फील तो कभी-कभी हमें भी होता था मगर हमने इसे 'अफवाह' ही मानकर, WWE के भीमकाय मानवों की अमानवीय फाइट्स का रस लेना ज्यादा जरूरी समझा. जवान होते-होते रियल लाइफ के ड्रामे ने इतने चोक-स्लैम और पावर-बॉम्ब दिए कि सर पर चढ़ा WWE का भूत चुपचाप दिल की अलमारी के कोने में पड़ी बोतल में जाकर बैठ गया. 

'WWE Unreal' यूं करती है कि उस भूत को बोतल से निकालती है और उसकी पूरी सच्चाई, उसके डरों, उसकी कमजोरियों, उसके सांस लेते हाड़-मांस के शरीर और चोटों को आपके सामने रख देती है. और अचानक से आप पाते हैं कि वो जो बोतल में कैद था वो कोई भूत नहीं, एक सुपरहीरो था. WWE में हम जिन रेसलर्स को मैच ना जीतता देखकर हमारे दिल टूटे, उनका हारना भले स्क्रिप्टेड रहा हो मगर उनकी हड्डियां सच में टूटी थी. मगर वो अगली बार फिर से उसी स्पिरिट के साथ हमारे एंटरटेनमेंट के लिए रिंग में उतरे सुपरहीरो थे.

क्या है 'WWE Unreal' का मुद्दा?
'WWE Unreal' रेसलिंग स्पोर्ट के पीछे का पूरा खेल आपको दिखाकर वो भ्रम तोड़ देती है जिसे आप अपने बचपन से लेकर लड़कपन तक पूरी गंभीरता से देखते आए थे. लेकिन ऐसा होते हुए 'WWE Unreal' में आपके फेवरेट रेसलर्स जैसे जॉन सीना, सीएम पंक, ट्रिपल एच और द रॉक वगैरह की जो दूसरी साइड सामने आती है वो इस डाक्यूमेंट्री को अद्भुत बना देती है. 

इस खेल को आपके लिए मनोरंजक बनाने के लिए जो कहानियां तैयार होती हैं, वो कैसे सोची जाती हैं. WWE का राइटर्स रूम कैसे काम करता है, वहां कैसे ये सोचा जाता है कि किस इवेंट में कौन जीतेगा, इन फैसलों के लिए रेसलर्स खुद कितने तैयार होते हैं, ये सब आपको नेटफ्लिक्स की डॉक्यूमेंट्री में नजर आता है. रेसलर्स जब अपनी पर्सनल लाइफ और परिवार के साथ नजर आते हैं तो वो उतने ही आम इंसान लगते हैं जितने आप और हम हैं

इन आम इंसानों को कब पर्दे पर जब इवेंट का सुपरस्टार बनाया जाता है तो उनका क्या रिएक्शन होता है, ये सब 'WWE Unreal' को एक देखने लायक डॉक्यूमेंट्री बना देता है. जब ये बात कही जाती है कि WWE स्क्रिप्टेड होती है तो पहला सवाल दिमाग में ये आता है कि क्या हिस्सा स्क्रिप्टेड होता है और क्या रियल? इस सवाल का जवाब भी अब आपके सामने है. 

कैसी है नेटफ्लिक्स की ये डॉक्यूमेंट्री?
WWE का क्रेज भारत में भी बहुत जबरदस्त रहा है. एक पूरा वक्त ऐसा रहा है जब प्रोफेशनल रेसलिंग का ये शो और इसके रिपीट टेलीकास्ट, टीवी पर लोगों की फर्स्ट चॉइस हुआ करते थे. मगर बदलते वक्त के साथ लोगों ने जब ये डिस्कवर करना शुरू किया कि ये स्क्रिप्टेड होता है तो इसका इंटरेस्ट भी कुछ कम हुआ. 

'WWE Unreal' देखने के बाद आप WWE की फाइट्स और इसके रेसलर्स को पहले से भी ज्यादा दिलचस्पी से देख पाएंगे. कई दशकों तक ये शो दर्शकों के लिए एक रहस्य रहा है और लोग इसमें नजर आने वाले फाइटर्स को उनके कैरेक्टर वाले नामों से ही पहचानते आए हैं. इन किरदारों की जर्नी कैसे तय होती है ये देखना एक बहुत कमाल का अनुभव है जिसे 'WWE Unreal' दमदार तरीके से डिलीवर करती है. 

एक दौर में WWE के टॉप रेसलर रहे ट्रिपल एच, जिनका रियल नाम पॉल लेवेक (Paul Levesque) है, इस डॉक्यूमेंट्री के नैरेटर हैं. पॉल खुद WWE के चीफ कंटेंट ऑफिसर हैं. डॉक्यूमेंट्री का नैरेटिव WWE के सिग्नेचर शो 'रॉ' से लेकर 'रोड टू रेसलमेनिया' और फिर अल्टीमेट सालाना इवेंट 'रेसलमेनिया' तक जाता है. 

डॉक्यूमेंट्री का नैरेटिव जॉन सीना, सीएम पंक, चेल्सी ग्रीन, बियांका ब्लेयर और जे ऊसो जैसे रेसलर्स को फॉलो करता है जो इस बिजनेस के कुछ बेस्ट नाम हैं. उनकी कहानी के जरिए 'WWE Unreal' उस पूरे शो से पर्दा उठाती है, जो आप सालों से स्क्रीन पर देखते आए हैं.

'WWE Unreal' की एडिटिंग सॉलिड है जो इस डॉक्यू सीरीज को कमाल का एक्सपीरियंस बनाती है. इसलिए जहां एक तरफ आपको लगता है कि जिस रहस्य को आप बचपन से स्क्रीन पर देख रहे हैं उससे फाइनली पर्दा उठ रहा है. वहीं दूसरी तरफ पर्दे के पीछे की कहानी आपको WWE के संसार का और बड़ा फैन बनाती जाती है. इस सीरीज में आपको ये तो दिखता है कि जिस मोमेंट को आप किसी रेसलर का बड़ा मोमेंट मान रहे थे वो कैसे स्क्रिप्ट हुआ था.

लेकिन ये डॉक्यू-सीरीज ये भी दिखाती है कि आप भले सबकुछ जान लें मगर WWE की क्रिएटिव टीम फिर भी अपने नए सीजन में आपको सरप्राइज कर सकती है. और इस शो में आप जितनी भी स्टोरीलाइन देखते हैं, वो भले ही स्क्रिप्टेड हो लेकिन फाइट्स और रेसलर्स की चोटें बिल्कुल असली होती हैं. करीब एक लाख लोगों के सामने एक दूसरे की जान के प्यासे लगने वाले रेसलर्स, बैक स्टेज आकर जब एक दूसरे की खैर-खबर ले रहे हैं और अपनी चोटों पर बात कर रहे हैं तो जैसे WWE के एक्सपीरियंस में एक नया एलिमेंट जुड़ जाता है. 

प्रोफेशनल रेसलर्स की भाषा में WWE जैसे शोज को केफेब (Kayfabe) कहा जाता है, जिसमें आपके सामने घट रहीं रियल जैसी लगने वाली चीजें असल में स्क्रिप्टेड कहानियां हैं. केफेब की खासियत यही है कि पब्लिक के सामने कभी ये नहीं आने दिया जाता है कि सबकुछ पहले से तय है. 

लेकिन पिछले दो दशकों में आई इंटरनेट क्रांति से लोगों की दिलचस्पी इस बात में खूब रही है कि उनके सामने जो घट रहा है, वो कैसे घटता है और ये रेसलर्स असल जिंदगी में कैसे होते हैं? 'WWE Unreal' इस केफेब को भ्रम को तोड़ती है और WWE के बैकस्टेज पर होने वाली सारी चीजें आपको बताती है. दिलचस्प ये है कि सारे राज खुलने के बाद आपको इस शो से और ज्यादा लगाव महसूस होता है. 

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