मध्य प्रदेश

‘साइंस ऑन व्हील्स’ से बदल रही बेटियों की दुनिया, मध्य प्रदेश में अंधविश्वास और बाल विवाह पर लगाम

शहडोल
मध्यप्रदेश के जनजातीय जिलों में अब विज्ञान केवल किताबों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने और बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों को रोकने का मजबूत हथियार बन चुका है। शहडोल जिले के शिक्षक संतोष कुमार मिश्रा की अनोखी पहल 'साइंस ऑन व्हील्स' (Science on Wheels) न सिर्फ ग्रामीण बच्चों में वैज्ञानिक सोच जगा रही है, बल्कि समाज में गहराई से जमी कुप्रथाओं के खिलाफ जागरूकता की अलख भी जगा रही है।

शहडोल जिला, जहां आज भी कई ग्रामीण इलाकों में झाड़-फूंक, दागना और बाल विवाह जैसी परंपराएं प्रचलित हैं, वहां शिक्षक संतोष कुमार मिश्रा ने ‘साइंस ऑन व्हील्स’ की शुरुआत की। इस पहल का मकसद था विज्ञान को कक्षा की चारदीवारी से बाहर निकालकर गांव-गांव तक पहुंचाना।
 
‘साइंस ऑन व्हील्स’ के अंतर्गत एक चलती-फिरती साइंस वैन के ज़रिए स्कूल, खेत, गांव और छात्रावासों में जाकर विज्ञान की बेसिक और दिलचस्प जानकारी दी जाती है। इसमें बच्चों को विज्ञान के प्रयोग करवाए जाते हैं और उन्हें साइंस एंबेस्डर बनाया जाता है, ताकि वे अपने घर और समाज में वैज्ञानिक सोच फैला सकें।

इस पहल की सबसे खास बात यह रही कि इसने बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा दिया। जब ग्रामीण इलाकों की बच्चियों ने इन विज्ञान गतिविधियों में हिस्सा लेना शुरू किया, तो अभिभावकों को भी यह समझ में आने लगा कि उनकी बेटियां भी होशियार हैं। परिणामस्वरूप कई बच्चियों का बाल विवाह टला और वे स्कूल में बने रहने लगीं।

‘साइंस ऑन व्हील्स’ सिर्फ पढ़ाई का जरिया नहीं रहा, बल्कि यह बेटियों को आत्मविश्वासी, जागरूक और स्वतंत्र सोच वाला नागरिक बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हुआ है। अभिभावकों के साथ संवाद कर उन्हें बेटियों की शिक्षा के प्रति जागरूक किया गया। साथ ही उन्हें यह बताया गया कि झाड़-फूंक, दागना जैसी परंपराएं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से गलत हैं और इनसे दूर रहना चाहिए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button