पंजाबराज्य

सिद्धपीठ बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में इस बार चैत्र मास मेले के दौरान एक नया विवाद हुआ खड़ा

लुधियाना
उत्तरी भारत के प्रमुख सिद्धपीठ बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में इस बार चैत्र मास मेले के दौरान एक नया विवाद खड़ा हो गया है। मंदिर प्रशासन की कार्यशैली को लेकर सोशल मीडिया पर श्रद्धालुओं में तीव्र नाराजगी देखी जा रही है। हजारों की संख्या में श्रद्धालु बाबा की गुफा में दर्शन के लिए पहुंचते हैं, परंतु इस बार दर्शन के दौरान श्रद्धालुओं ने परंपरा के विपरीत बाबा बालक नाथ के स्वरूप की ओर नकदी फेंकना शुरू कर दिया। आमतौर पर यह राशि मंदिर की गोलक (दान पात्र) में डाली जाती है, लेकिन इस बार गोलक की बजाय नोट सीधे स्वरूप की ओर फेंके गए, जो श्रद्धा की मर्यादा और मंदिर अनुशासन के खिलाफ माना जा रहा है।

गंभीर बात यह रही कि इस घटना के समय मंदिर अधिकारी संदीप चंदेल एवं पुजारीगण वहां मौजूद थे, लेकिन मूकदर्शक बने रहे। श्रद्धालुओं का कहना है कि मंदिर अधिकारी की निष्क्रियता के कारण ही ऐसी घटनाएं हो रही हैं, जो बाबा की परंपरा और आस्था के विरुद्ध हैं। यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और श्रद्धालुओं ने मंदिर प्रशासन पर जमकर भड़ास निकाली। कई लोगों ने लिखा कि “यह मंदिर प्रशासन की नाकामी है” और ऐसी स्थिति में तत्काल प्रभाव से मौजूदा अधिकारी पर कार्रवाई की जाए। एक वरिष्ठ पत्रकार, जो पिछले 30 वर्षों से धार्मिक क्षेत्र की पत्रकारिता कर रहे हैं, ने कहा कि उन्होंने बाबा बालक नाथ मंदिर में इससे पहले कभी ऐसी स्थिति नहीं देखी। चाहे कोई कितना भी धनाढ्य क्यों न हो, गुफा में ऐसा व्यवहार अशोभनीय है। अब देखना यह होगा कि मंदिर ट्रस्ट इस विवाद पर क्या रुख अपनाता है। क्या कार्रवाई मंदिर अधिकारी पर होगी, पुजारियों पर या दोनों पर–यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा।

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