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तिहाड़ कर रहा तहव्वुर राणा का इंतजार… चंद घंटों में मुंबई अटैक के गुनहगार को इंडिया लाएगी NIA-RAW की टीम

नई दिल्ली

अमेरिका से प्रत्यर्पित किए गए 26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को स्पेशल विमान के जरिए आज भारत लाया जा रहा है. वह गुरुवार दोपहर दिल्ली पहुंचेगा, जहां उसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया जाएगा. इसके बाद उसे राजधानी की तिहाड़ जेल में रखा जाएगा, जहां उसकी सुरक्षा को लेकर विशेष इंतजाम किए गए हैं. इससे पहले राणा को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां एनआईए आरोपी की कस्टडी की मांग करेगी.

बुलेटप्रूफ व्हीकल में NIA हेडक्वार्टर जाएगा तहव्वुर राणा

26/11 के आतंकी तहव्वुर राणा को बुलेट प्रूफ गाड़ी में पालम टेक्निकल एयरपोर्ट से एनआईए हेडक्वॉक्टर लाया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक, बुलेट प्रूफ गाड़ी के साथ मार्क्समेन गाड़ी को भी स्टैंडबाय में रखा गया है. दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के कमांडोज इस गाड़ी के साथ भी स्टैंडबाय पर हैं. मार्कसमेन बेहद सुरक्षित गाड़ी होती है, जिसमें किसी तरह का हमला कारगर नही हो सकता. बड़े आतंकियों और गैंगस्टर्स को इसी गाड़ी से स्पेशल सेल कोर्ट और एजेंसी के दफ्तर लाने और ले जाने के लिए इस्तेमाल करती है.

तहव्वुर राणा के खिलाफ क्या-क्या कानूनी कार्रवाई हुई?

अक्टूबर 2009 में, तहव्वुर राणा और हेडली को अमेरिकी अधिकारियों ने डेनमार्क में जाइलैंड्स-पोस्टेन अखबार के आफिस पर हमला करने की कथित साजिश के लिए गिरफ्तार किया था, जिसने कार्टून पब्लिश किए थे. इस जांच से मुंबई हमलों में उसकी संलिप्तता का पता चला. जून 2011 में, अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में तीन सप्ताह की सुनवाई के बाद, राणा को लश्कर-ए-तैयबा को मदद करने और डेनिश अखबार के खिलाफ विफल साजिश में उसकी भूमिका के लिए दोषी ठहराया गया था.

तहव्वुर राणा को अमेरिकी अदालत में मुंबई हमलों में प्रत्यक्ष भागीदारी के आरोपों से मुक्त कर दिया गया था, फिर भी उसे 17 जनवरी, 2013 को 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी. सजा सुनाते समय जज ने साजिश को "कायरतापूर्ण" कहा था. इस बीच, हेडली ने 12 आतंकवाद के आरोपों में दोषी होने की दलील दी और उसे 35 साल की जेल की सजा सुनाई गई. अधिकारियों के साथ हेडली के सहयोग, जिसमें राणा के खिलाफ गवाही देना भी शामिल था – उसे मौत की सजा और प्रत्यर्पण से बचने में मदद की.

राणा के खिलाफ सबूत पर्याप्त थे. मुकदमे के दौरान, रिकॉर्ड की गई बातचीत के टेप पेश किए गए, जिनमें सितंबर 2009 के टेप भी शामिल थे. अन्य बातचीत में, राणा ने हेडली से कहा था कि मुंबई हमलों में शामिल हमलावरों को पाकिस्तान का सर्वोच्च मरणोपरांत सैन्य सम्मान मिलना चाहिए, जिससे आतंकवादियों की कार्रवाइयों के प्रति उसके समर्थन का पता चलता है.

तहव्वुर राणा के भारत आगमन पर क्या तैयारियां की गई हैं?

भारत ने तहव्वुर राणा को कानूनी सजा देने के लिए तमाम तैयारियां की हैं. भारत से एनआईए के इंसपेक्टर जनरल रैंक के अधिकारी आशीष बत्रा के नेतृत्व में एक मल्टी-एजेंसी टीम तहव्वुर राणा को हिरासत में लेने के लिए अमेरिका गई थी. टीम में सब-इंसपेक्टर जनरल रैंक की अधिकारी जया रॉय और एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के साथ-साथ तीन खुफिया एजेंसी के अधिकारी शामिल हैं. वे रविवार को "आत्मसमर्पण वारंट" की पुष्टि प्राप्त करने के बाद अमेरिका के लिए रवाना हुए, जिसके तहत राणा को भारतीय अधिकारियों को सौंपा गया.
 
भारत पहुंचने पर, तहव्वुर राणा को हिरासत के लिए नई दिल्ली में एनआईए अदालत में पेश किया जाएगा. पूछताछ और जांच के शुरुआती कुछ हफ्तों तक उसके एनआईए की हिरासत में रहने की उम्मीद है. बाद में, मुंबई क्राइम ब्रांच मुंबई हमलों की आगे की जांच के लिए उसकी हिरासत की मांग करेगी. नामित जेलों में हाई सिक्योरिटी की व्यवस्था की गई है, जिसमें राणा की गतिविधियों पर 24/7 निगरानी रखने के लिए इन-बिल्ट बाथरूम सुविधाओं के साथ सीसीटीवी कैमरे शामिल हैं.

NIA, RAW, SWAT Team और स्पेशल प्लेन… वो टीम जो तहव्वुर राणा को इंडिया ला रही है

 

2008 के मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को आज अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया जा रहा है. उसे स्पेशल प्लेन से राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NIA) और RAW की टीम भारत ला रही है. यह विमान किसी भी वक्त दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड कर सकता है.

एनआई और RAW की संयुक्त टीम की तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण में अहम भूमिका है. सूत्रों का कहना है कि एनआईए की DIG जया रॉय ने मंगलवार को तहव्वुर राणा के सरेंडर वॉरंट पर साइन किए थे, जिसके बाद उसे भारत प्रत्यर्पित किए जाने की प्रक्रिया आगे बढ़ी. राणा को लेकर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की टीम विशेष विमान से बुधवार सुबह लगभग 6.30 बजे दिल्ली के लिए रवाना हुई थी.

इस दौरान एनआईए टीम की अगुवाई सदानंद दाते कर रहे हैं. वह महाराष्ट्र कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं. 26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से आए लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने जब मुंबई पर हमला किया था, तब सदानंद दाते मुंबई क्राइम ब्रांच में कार्यरत थे.

भारत पहुंचते ही एनआईए की टीम आधिकारिक रूप से राणा को हिरासत में ले लेगी. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को भी हाई अलर्ट कर दिया गया है. साथ ही SWAT कमांडोज को भी एयरपोर्ट पर तैनात किया गया है. इसके अलावा एयरपोर्ट के बाहरी क्षेत्र में सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेज (CAPF) की सिक्योरिटी विंग और स्थानीय पुलिस मुस्तैद रहेगी.

तहव्वुर राणा को सीधे एनआईए के दफ्तर लाया जाएगा. एनआईए दफ्तर और उसके आसपास हाई लेवल सिक्योरिटी है. राणा को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जा सकता है. कहा जा रहा है कि सुरक्षा कारणों से उसे वर्चुअली ही एनआईए जज के समक्ष पेश किया जाएगा. पेशी से पहले उसका मेडिकल टेस्ट किया जाएगा.

तहव्वुर राणा को दिल्ली की तिहाड़ जेल के हाई-सिक्योरिटी वॉर्ड में रखा जाएगा. जेल प्रशासन ने सुरक्षा के विशेष बंदोबस्त किए हैं.  केंद्र सरकार ने इस मामले में एडवोकेट नरेंद्र मान को स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर नियुक्त किया है. उन्हें तीन साल की अवधि के लिए या फिर केस का ट्रायल पूरा होने तक यह जिम्मेदारी दी गई है. मान पहले भी कई मामलों में सीबीआई का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.

कौन है तहव्वुर राणा?

तहव्वुर राणा का जन्म पाकिस्तान में हुआ था. उसने आर्मी मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई की और पाकिस्तान आर्मी में 10 साल तक बतौर डॉक्टर काम काम किया. लेकिन तहव्वुर राणा को अपना काम पसंद नहीं आया और उसने ये नौकरी छोड़ दी. भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने वाला तहव्वुर राणा अभी कनाडा का नागरिक है. लेकिन हाल में वह शिकागो का निवासी था, जहां उसका बिजनेस है.

अदालत के दस्तावेजों के मुताबिक, उसने कनाड़ा, पाकिस्तान, जर्मनी और इंग्लैंड की यात्राएं की है और वहां रहा है, वह लगभग 7 भाषाएं बोल सकता है. अदालत के दस्तावेज बताते हैं कि 2006 से लेकर नवंबर 2008 तक तहव्वुर राणा ने पाकिस्तान में डेविड हेडली और दूसरे लोगों के साथ मिलकर साजिश रची. इस दौरान तहव्वुर राणा ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और हरकत उल जिहाद ए इस्लामी की मदद की और मुंबई आतंकी हमले की प्लानिंग की और इसे अमली जामा पहनाने में मदद की. आतंकी हेडली इस मामले में सरकारी गवाह बन गया है.

26 नवंबर 2008 को क्या हुआ था?

26 नवंबर 2008 को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पर आतंकी हमला हुआ था. आतंकियों के इस हमले को नाकाम करने के लिए 200 एनएसजी कमांडो और सेना के पचास कमांडो को मुंबई भेजा गया था. इसके अलावा सेना की पांच टुकड़ियों को भी वहां तैनात किया गया था. हमले के दौरान नौसेना को भी अलर्ट पर रखा गया था.

क्या है तहव्वुर राणा का पाकिस्तान कनेक्शन?

तहव्वुर राणा पाकिस्तान में बड़ा हुआ और अपनी मेडिकल डिग्री के बाद पाकिस्तानी सेना की मेडिकल कोर में शामिल हो गया. पाकिस्तान से उसका संबंध उसके जन्म और शिक्षा से परे है – उसने पाकिस्तानी खुफिया सेवाओं और आतंकवादी संगठनों के साथ गहरे संबंध बनाए रखा. जांच के मुताबिक, तहव्वुर राणा न सिर्फ एक निष्क्रिय भागीदार था, बल्कि मुंबई हमलों के लिए जिम्मेदार पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का एक सक्रिय कार्यकर्ता था.

अदालत में पेश किए गए सबूतों से पता चला कि राणा और हेडली ने अमेरिका में रहते हुए पाकिस्तान स्थित षड्यंत्र रचने वालों के साथ अपने संपर्कों को छिपाने के लिए जानबूझकर कदम उठाए. चूंकि राणा ने सेना छोड़ दी थी, इसलिए हेडली ने मेजर इकबाल के माध्यम से उसे मदद का आश्वासन दिया, जिससे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के साथ उनके संबंधों की और पुष्टि हुई. राणा, हेडली और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के बीच संबंध इतने मजबूत थे कि हेडली ने गवाही दी कि एजेंसी ने लश्कर को सैन्य और नैतिक समर्थन प्रदान किया था.

भारत की अपनी यात्राओं के दौरान, हेडली ने राणा के साथ टेलीफोन पर नियमित रूप से संपर्क किया – अपनी पहली यात्रा के दौरान 32 से अधिक कॉल किए, और बाद की यात्राओं में भी इसी तरह की संख्या में फोन किए. ये बातचीत षड्यंत्रकारियों के बीच चल रही प्लानिंग का खुलासा करता है. ISI अधिकारी मेजर इकबाल ने हेडली के भारत में रहने के दौरान राणा के साथ टेलीफोन और ईमेल के माध्यम से संपर्क किया, जो पाकिस्तान में षड्यंत्रकारियों के साथ सीधे संपर्क से बचने की उनकी मूल योजना से अलग था.

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