पंजाबराज्य

AAP में गुटबाजी के सुर, इस मुद्दे पर बढ़ी तीव्र बहस

बरनाला 
जिला बरनाला में आम आदमी पार्टी के भीतर गुटबाजी के संकेत स्पष्ट होने लगे हैं। पंजाब सरकार द्वारा पार्टी के वरिष्ठ नेता परमिंदर सिंह भंगू को लगातार तीन बड़े पद—पहले मार्केट कमेटी बरनाला के चेयरमैन, फिर जिला अध्यक्ष, और अब जिला योजना बोर्ड के चेयरमैन—सौंपने के बाद, राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा गर्म है कि ये फैसले पूर्व कैबिनेट मंत्री और सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर की सहमति के बिना लिए गए हैं।

जानकारी के अनुसार जब परमिंदर भंगू को मार्केट कमेटी का चेयरमैन बनाया गया था, तब यह सिफारिश खुद मीत हेयर ने की थी। लेकिन बाद में उन्हें जिला अध्यक्ष और जिला योजना बोर्ड का चेयरमैन बनाने के फैसले के संबंध में मीत हेयर से कोई सलाह नहीं ली गई। खबरें यह भी हैं कि मीत हेयर इन दोनों पदों पर अपने करीबी साथियों हसनप्रीत भारद्वाज और हरिंदर सिंह धालीवाल को समायोजित करना चाहते थे।
 
लोकसभा और उपचुनाव का घटनाक्रम
यह गौरतलब है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान गुरमीत सिंह मीत हेयर को संगरूर से चुनाव लड़ने का मौका मिला था, जिसमें उन्होंने कामयाबी हासिल कर पार्टी के लिए यह सीट जीती थी। इसके बाद उन्होंने कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। फिर, विधानसभा हलका बरनाला में हुए उपचुनाव के दौरान मीत हेयर ने अपने करीबी दोस्त हरिंदर सिंह धालीवाल के लिए पार्टी का टिकट हासिल किया था।

उस समय पार्टी के जिला अध्यक्ष और जिला योजना बोर्ड के चेयरमैन गुरदीप सिंह बाठ ने बागी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और हरिंदर धालीवाल कम वोटों से हार गए थे। उस समय भी लोगों में यह चर्चा थी कि पार्टी ने गुरदीप बाठ को चुनाव से हटाने के लिए दिल से प्रयास नहीं किए। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि शायद कुछ लोग नहीं चाहते थे कि मीत हेयर यह उपचुनाव जीतकर अपना कद और बढ़ा लें।

ब्लॉक अध्यक्षों की नाराजगी
हाल ही की नियुक्तियों के बाद जिले के कई कार्यकर्ता हैरान हैं। जानकारी के मुताबिक, बीते दिन कुछ ब्लॉक अध्यक्षों ने रेस्ट हाउस में एक मीटिंग करके जिला अध्यक्ष को एक साथ दो बड़े पद दिए जाने का विरोध किया। यह भी फैसला किया गया कि पार्टी अध्यक्ष अमन अरोड़ा से मिलकर अपनी नाराजगी दर्ज करवाई जाएगी।  जिला योजना बोर्ड के नवनियुक्त चेयरमैन परमिंदर भंगू से संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति एक ही समय में दो चेयरमैन के पद नहीं रख सकता। जब उनका जिला योजना बोर्ड के चेयरमैन के रूप में नोटिफिकेशन हो जाएगा, तो वह मार्केट कमेटी के चेयरमैन का पद छोड़ देंगे और यह जिम्मेदारी किसी और पार्टी कार्यकर्ता को सौंपी जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी ने सभी जिलों में जिला अध्यक्ष को ही जिला योजना बोर्ड का चेयरमैन बनाया है, इसलिए उन्हें भी यह जिम्मेदारी दी गई है।

2027 के चुनाव पर संकेत
जब उनसे पूछा गया कि 2027 में विधानसभा क्षेत्र से कौन चुनाव लड़ेगा, तो भंगू ने कहा कि यह फैसला सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर ही करेंगे। हालांकि, उन्होंने यह भी संकेत दिया कि अगर सीमांकन के बाद बरनाला जिले में नया विधानसभा क्षेत्र बनता है, तो वह भी अपनी दावेदारी पेश करेंगे। इस पूरे घटनाक्रम ने जिले में पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच चर्चा को और तेज कर दिया है। जबकि आधिकारिक तौर पर पार्टी की तरफ से कोई बयान नहीं आया है, विशेषज्ञों का मानना है कि अगर आंतरिक कलह जारी रही, तो आने वाले चुनावों में इसके नतीजे पार्टी के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button