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उत्तराखंड चारधाम यात्रा के शुरू होने से पहले अपडेट, एक्वाईन एनफ्जूएंजा वायरस मिलने के बाद से हड़कंप, अलर्ट

उत्तराखंड
उत्तराखंड चारधाम यात्रा के शुरू होने से पहले एक बहुत बड़ा अपडेट सामने आया है। केदारनाथ धाम रूट पर एक्वाईन एनफ्जूएंजा वायरस मिलने के बाद से हड़कंप मच गया है। उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल के बाद अब कुमाऊं मंडल में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। एनफ्जूएंजा वायरस मिलने के बाद प्रदेशभर में अलर्ट जारी करने के साथ ही प्रदेश के अंतरराज्यकीय सीमाओं पर भी चौकसी बढ़ा दी गई है। वायरस की जांच से लेकर रोकथाम के लिए कड़े इंतजाम भी किए जा चुके हैं। क्वारंटीन सेंटर बनाने से लेकर पर्याप्त दवाओं की व्यवस्था की जा चुकी है। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में अश्ववंशीय पशुओं में एक्वाईन एनफ्जूएंजा नामक संक्रामक बीमारी फैलने की आहट के बीच पशुपालन विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है। आपको बता दें कि यह वायरस मुख्यत: घोड़े, खच्चरों में फैलता वाला है। जो कि रोग, वायरल जुकाम की तरह लक्षण सामने आते हैं।

पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ.रमेश नितवाल ने बताया कि एक्वाईन एनफ्जूएंजा को लेकर उत्तराखंड के गढ़वाल में अलर्ट पहले ही जारी हो चुका है। राहत भरी खबर यह है कि कुमाऊं मंडल में फिलहाल किसी भी अश्ववंशीय पशुओं वायरस का कोई केस सामने नहीं आया है। लेकिन, एहतियातन विभाग ने सावधानी बरतने को कहा है। पशुपालन के डॉ राजीव सिंह कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से संदिग्धों अश्ववंशीय जानवरों के ब्लड सेंपल भी जरुरत पड़ने पर पशुपालन विभाग लेगा। कहा कि इस रोग से ग्रसित घोड़ों और खच्चरों के मांसपेशियों में दर्द, थकान व कमजोरी महसूस होती है। संक्रामक रोग की तरह यह बीमारी फैलती है। बताया कि अभी रूद्रप्रयाग में इसके एक दो केस सामने आए हैं। लंपी को समय पर हराने के बाद विभाग के लिए अब यह दूसरी मुसीबत आ खड़ी हुई है। हालांकि विभाग ने इसके लिए तैयारी कर रखी है।

यात्रा रूट पर 12 अश्ववंशीय पशुओं में मिला था वायरस
उत्तराखंड चारधाम यात्रा रूट पर रुद्रप्रयाग जिले में 12 अश्ववंशीय पशुओं में एनफ्जूएंजा वायरस मिला था। पशुओं में वायरस मिलने के बाद धामी सरकार अलर्ट मोड पर आ गई थी। वायरस मिलने के बाद पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने आला-अधिकारियों के साथ बैठक कर जरूरी दिशा-निर्देश दिए थे। वायरस की स्क्रीनिंग करने पर विशेषतौर से फोकस करने को कहा गया है। सरकार की ओर से सख्त निर्देश दिए हैं कि चारधाम यात्रा के दौरान किसी भी रोगग्रस्त घोड़े-खच्चर को ले जाने की अनुमति नहीं होगी।

रुद्रप्रयाग में बनेंगे दो क्वारंटीन सेंटर
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में दो क्वारंटीन सेंटर बनाए गए हैं। वायरस की चपेट में आने वाले अश्ववंशीय पशुओं को क्वारंटीन किया जाएगा। आपको बता दें कि यह वायरस पशुओं में एक से दूसरे में बहुत ही तेजी के साथ फैलता है।

उत्तराखंड के सीमावर्ती इलाकों को भी अलर्ट
रुद्रप्रयाग जिले में अश्ववंशीय पशुओं में वायरस की पुष्टि होने के बाद उत्तराखंड के बॉर्डर में अलर्ट जारी कर दिया गया है। विभाग की ओर से टीमें गठित कर अंतरराज्यकीय बॉर्डरों पर तैनात किया गया है। आपको बता दें कि चारधाम यात्रा के दौरान देश-विदेश से भारी संख्या में तीर्थ यात्री दर्शन करने को उत्तराखंड आते हैं। केदारनाथ और उत्तरकाशी जिले में स्थित यमुनोत्री धामों में घोड़े-खच्चरों से यात्रा करते हैं।

मुक्तेश्वर में होगी सैंपलों की जांच
उत्तराखंड के पांच जिलों के सभी घोड़े-खच्चरों के सीरोलोजिकल सैंपल लिए जाएंगे, जिनकी जांच इंडियन वेटरी रिसर्च इंस्टीट्यूट मुक्तेश्वर में कराई जाएगी। यदि कोई अश्ववंशीय पशु पॉजिटिव पाया जाता है तो उसे क्वारंटीन किया जाएगा। फिर 12 दिन बाद उसका सैंपल लेकर जांच कराई जाएगी। रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही यात्रा में तैनाती की अनुमति दी जाएगी।

केदारनाथ-यमुनोत्री चारों धामों के कपाट खुलने की यह डेट
उत्तराखंड में केदारनाथ, यमुनोत्री समेत चारों धामों के कपाट खुलने की तारीखों का ऐलान हो चुका है। रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को खोले जाएंगे, जबकि यमुनोत्री धाम के कपाट 30 अप्रैल को खुलेंगे। चमोली जिले में स्थित बदरीनाथ धाम के कपाट 4 मई, जबकि गंगोत्री धाम के कपाट 30 अप्रैल को खुलेंगे।

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