
जयपुर
राजस्थान में राज्य वित्त आयोग के पद पर पूर्व बीजेपी अध्यक्ष तथा वसुंधरा सरकार में समाज कल्याण मंत्री रहे अरुण चतुर्वेदी को राज्य वित्त आयोग का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया है। चतुर्वेदी के साथ एक पूर्व ब्यूरोक्रेट नरेश ठकराल को भी राजनीतिक नियुक्ति मिली है। वित्त विभाग में लंबे समय तक रह चुके ठकराल को राज्य वित्त आयोग में सचिव के पद पर नियुक्त किया गया है। इस संबंध में वित्त विभाग ने देर रात अधिसूचना जारी कर दी।
राज्य वित्त आयोग का कार्यकाल एक अप्रैल 2025 से अगले डेढ़ वर्ष के लिए किया गया है। इस अवधि में यह राज्य की वित्तीय स्थिति की समीक्षा करेगा। हालांकि डेढ़ वर्ष बाद भी सरकार आयोग का कार्यकाल बढ़ा सकती है। हर सरकार में आयोग के कार्यकाल की समय सीमा बढ़ाई जाती रही है।
ये होंगे आयोग के काम
राज्य वित्त आयोग मुख्य रूप से पंचायतों के लिए ग्रांट निर्धारित करता है। इसकी सिफारिशों के आधार पर ही सरकार पंचायतों को ग्रांट जारी करती है। इसके अलावा इसके अलावा पंचायतों में वित्तीय संसाधनों को विकसित करने के लिए टोल, शुल्क और टैक्स की दरें निर्धारित करने की सिफारिश भी कर सकता है। शहरी निकायों की वित्तीय स्थिति की समीक्षा करने का काम भी राज्य वित्त आयोग के अधिकार क्षेत्र में आता है। इसके अलावा 16वें केंद्रीय वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर स्थानीय निकायों को दी जाने वाली सहायता राशि का समायोजन भी राज्य वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर ही किया जाता है।
भजनलाल सरकार में यह पहली राजनीतिक नियुक्ति नहीं है, इससे पहले आरपीएससी, किसान आयोग, सैनिक कल्याण बोर्ड सहित कई अन्य बोर्ड और आयोगों में नियुक्तियां हुई हैं लेकिन अब तक किसी भी राजनीतिक नियुक्ति वाले पदाधिकारी को मंत्री का दर्जा नहीं दिया गया है। जबकि इससे पहले की सरकारों में राजनीतिक नियुक्तियों के साथ नियुक्त होने वाले पदाधिकारियों को मंत्री का दर्जा दिए जाने के आदेश भी जारी किए जाते थे।
क्या कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिलेगा?
राज्य वित्त आयोग एक संवैधनिक संस्था है, यहां पर नियुक्ति होने वाले अध्यक्ष को लगभग हर सरकर में मंत्री का दर्जा दिया जाता रहा है। इससे पूर्व की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में पूर्व मंत्री प्रद्युम्न सिंह को राज्य वित्त आयोग का अध्यक्ष बनाकर उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया था। इसके साथ ही बीजेपी नेता अशोक लाहोटी को राज्य वित्त आयोग में सदस्य नियुक्त किया गया था। हालांकि मौजूदा सरकार ने चतुर्वेदी को राज्य वित्त आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया है लेकिन उनके दर्जे को लेकर अभी कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।