गंडक नदी के जलस्तर में तेज बढ़ोतरी के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त

तिरहुत-मुजफ्फरपुर
पश्चिम चंपारण जिले के योगापट्टी प्रखंड अंतर्गत चौमुखा पंचायत के मदारपुर गांव में गंडक नदी के जलस्तर में तेज़ बढ़ोतरी के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। नदी का पानी गांव के मुख्य संपर्क मार्ग पर चढ़ आया है, जिससे लगभग 10 फीट तक सड़क जलमग्न हो गई है। नतीजतन, मदारपुर का शेष इलाके से संपर्क पूरी तरह टूट गया है। सड़क डूबने के बाद अब ग्रामीणों को नाव जैसी सुविधा के अभाव में मिट्ठा पकाने वाले कराह (ड्रम या ट्यूब की नावनुमा चीज़) के सहारे एक जगह से दूसरी जगह जाना पड़ रहा है। यह तरीका न केवल असुरक्षित है, बल्कि किसी बड़े हादसे की आशंका भी जताई जा रही है।
15 वर्षों से हर बरसात में यही हाल होता है
ग्रामीणों का कहना है कि हर साल यही स्थिति होती है, लेकिन स्थायी समाधान की दिशा में प्रशासन की ओर से गंभीरता नहीं दिखाई गई। स्थानीय निवासी महेंद्र चौधरी, जानकी देवी, माया देवी, मुन्नी देवी, मलूं चौधरी, संतोष चौधरी और जितेंद्र यादव आदि ने बताया कि गांव की यह समस्या नई नहीं है। पिछले 15 वर्षों से हर बरसात में यही हाल होता है। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों ने चंदा जुटाकर जो छोटा सा 'चर्जरी पुल' बनवाया था, वह भी अब जलमग्न हो गया है। ऐसे में पैदल चलना भी असंभव हो गया है।
वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था नहीं की गई
ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार की तरफ से किसी भी प्रकार की नाव या राहत सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है। बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के लिए स्थिति और भी खतरनाक हो गई है। ग्रामीणों ने चेताया कि अगर जल्द से जल्द नाव या वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था नहीं की गई, तो किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है।
गांव में स्थायी पुल निर्माण कराया जाए
स्थानीय पंचायत मुखिया मुकेन्द्र यादव ने बताया कि उन्होंने प्रशासन और उच्च स्तर के जनप्रतिनिधियों से दर्जनों बार लिखित और मौखिक आग्रह किया है कि गांव में स्थायी पुल निर्माण कराया जाए, ताकि हर साल की इस परेशानी से मुक्ति मिल सके। लेकिन अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिले हैं, ठोस कदम नहीं उठाए गए। स्थिति की भयावहता के बावजूद अब तक प्रशासनिक टीम मौके पर नहीं पहुंची है, जिसको लेकर ग्रामीणों में भारी नाराज़गी है। लोगों ने बताया कि गांव में न तो स्वास्थ्य शिविर लगाया गया है और न ही किसी प्रकार की आपातकालीन राहत सामग्री पहुंचाई गई है। ग्रामीणों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र प्रभावी कदम नहीं उठाए गए, तो वे सामूहिक प्रदर्शन कर सकते हैं। वर्तमान स्थिति में मदारपुर गांव आपदा जैसी परिस्थिति से जूझ रहा है और त्वरित सरकारी हस्तक्षेप की आवश्यकता है।